एमएलसी अरुण पाठक का कद बढ़ा, महत्वपूर्ण समितियों में हुई नियुक्ति

प्रदूषण़ विभाग की लापरवाही पर ख़ासे नाराज दिखे एम.एल.सी

एमएलसी अरुण पाठक का कद बढ़ा, महत्वपूर्ण समितियों में हुई नियुक्ति
इनसेट एम.एल.सी अरुण़ पाठक

कानपुर। कानपुर-उन्नाव खंड स्नातक क्षेत्र से एमएलसी अरुण पाठक का राजनीतिक कद लगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति ने उन्हें प्रतिनिहित विधायन समिति का सदस्य नियुक्त किया है। यह समिति विधानमंडल के नौ विभिन्न कार्यों में सहयोग करती है। इसके साथ ही, उन्हें स्थानीय स्वशासन संबंधी संस्थाएं स्थायी समिति और सूचना स्थायी समिति का सदस्य भी बनाया गया है।

अरुण पाठक पहले से ही आश्वासन समिति, वित्तीय एवं प्रशासनिक विलंब समिति, दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति, और उत्तर प्रदेश पुलिस आर्म्ड फोर्सेज सहायता संस्थान की प्रबंध समिति के सदस्य हैं। इन नियुक्तियों से राजनीतिक हलकों में उनकी भूमिका और प्रभावशीलता पर चर्चा तेज हो गई है।

प्रदूषण विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

विधान परिषद में अरुण पाठक ने गंगा की स्वच्छता और प्रदूषण नियंत्रण पर विभागीय लापरवाही का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण विभाग बिठूर, गंगा बैराज, और शेखपुर जैसे स्थानों से नमूने ले रहा है, लेकिन शहर के घाटों के पास से सैंपल नहीं भर रहा। इससे गंगा के वास्तविक प्रदूषण स्तर की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।

अरुण पाठक ने सदन में नियम 115 के तहत सवाल उठाते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के सही संचालन की मांग की। उन्होंने दैनिक जागरण में छपी खबरों का हवाला देते हुए विभागीय लापरवाही पर कार्रवाई करने की बात कही।

गंगा की निर्मलता पर दिया जोर

एमएलसी पाठक ने कहा कि गंगा की निर्मलता और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता इसे बाधित कर रही है। उन्होंने प्रदूषण विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि गंगा के शहर के घाटों से भी नियमित रूप से नमूने लिए जाएं और सही तरीके से जांच की जाए।

अरुण पाठक की सक्रियता और जनता के मुद्दों पर मुखरता ने उन्हें क्षेत्र में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है। विभिन्न समितियों में नियुक्ति और सदन में गंगा स्वच्छता पर उनके प्रयासों से उनकी भूमिका और भी प्रभावशाली हो गई है।