आईआईटी कानपुर ने यौन शोषण मामले में एसीपी मोहसिन खान का पीएचडी नामांकन रद्द किया

आईआईटी कानपुर ने यौन शोषण मामले में एसीपी मोहसिन खान का पीएचडी नामांकन रद्द किया

कानपुर। आईआईटी कानपुर ने यौन शोषण के आरोपों से घिरे एसीपी मोहसिन खान का पीएचडी नामांकन रद्द कर दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पीएचडी के लिए जारी अनापत्ति पत्र (एनओसी) वापस लिए जाने के बाद यह फैसला लिया गया। मोहसिन खान आईआईटी में साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध जांच पर शोध कर रहे थे।

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने बताया कि यूपी पुलिस द्वारा अनापत्ति वापस लेने के बाद संस्थान ने उनकी पीएचडी को अनुमति देना समाप्त कर दिया है। जुलाई 2024 में शुरू हुए उनके शोध कार्य का अभी प्रारंभिक चरण ही था।

पीएचडी छात्रा ने लगाए यौन शोषण के आरोप
आईआईटी की एक पीएचडी छात्रा ने एसीपी मोहसिन खान पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। छात्रा ने पुलिस को व्हाट्सएप चैट के करीब 500 पन्ने सौंपे हैं, जिनसे दोनों के बीच संबंधों का खुलासा हुआ है। वायरल चैट में मोहसिन खान और छात्रा के बीच भावनात्मक और व्यक्तिगत संवाद के साथ कुछ आपत्तिजनक बातचीत भी सामने आई है।

वायरल चैट से हुआ खुलासा


वायरल चैट में मोहसिन खान ने लिखा, "तुम मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी हो। मैंने हमेशा तुम्हें प्यार किया है और करता रहूंगा।" वहीं, छात्रा ने जवाब में कहा, "मैं तुम्हारे साथ हमेशा रहूंगी, अगर तुम चाहते हो कि मैं रहूं।" इन चैट्स से दोनों के बीच गहरे संबंधों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

शोध कार्य अधूरा छूटा
एसीपी मोहसिन खान का शोध अभी शुरुआती स्तर पर था। उनका शोध विषय "साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध जांच" पर केंद्रित था। अगले दो सेमेस्टर में शोध का विस्तार और विषय की गहराई तय की जानी थी, लेकिन इससे पहले ही उनकी पीएचडी अनुमति रद्द कर दी गई।

संस्थान का सख्त रुख
आईआईटी कानपुर ने स्पष्ट किया है कि संस्थान में नैतिकता और अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई के लिए संस्थान प्रतिबद्ध है।

इस मामले में पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया से ही अंतिम फैसला सामने आएगा, लेकिन आईआईटी का यह कदम यौन शोषण के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति का उदाहरण पेश करता है।