अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की बड़ी छलांग: सुनीता विलियम्स की वापसी और कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान की तैयारी

लखनऊ, 19 मार्च 2025 – भारत की अंतरिक्ष यात्रा की महत्वाकांक्षा को नई ऊंचाई देने वाले दो बड़े घटनाक्रम सामने आए हैं। एक ओर भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 286 दिन बिताने के बाद बुधवार को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आईं, वहीं दूसरी ओर भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बहुत जल्द अंतरिक्ष की ऐतिहासिक यात्रा पर जाने वाले हैं।

सुनीता विलियम्स की सकुशल वापसी

सुनीता विलियम्स स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए पृथ्वी पर लौटीं। यह कैप्सूल फ्लोरिडा के तट के पास अटलांटिक महासागर में उतरा। 1927 डिग्री सेल्सियस के अत्यधिक तापमान से गुजरने के बावजूद, सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री विलमोर सुरक्षित लौट आए। लैंडिंग के बाद, सुनीता मुस्कुराते हुए कैप्सूल से बाहर निकलीं, जो उनके आत्मविश्वास और साहस का प्रतीक है। उनकी वापसी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग उन्हें बधाइयाँ दे रहे हैं।

लखनऊ के कैप्टन शुभांशु शुक्ला: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्याय

भारत के 39 वर्षीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। उन्हें स्पेसएक्स के एक्सिओम मिशन-4 में पायलट के रूप में चुना गया है। यह मिशन नासा और इसरो के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है और इसे मई 2025 में लॉन्च करने की योजना है।

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के अनुभवी पायलट हैं और उनके पास 2000 घंटे से अधिक का लड़ाकू विमान उड़ाने का अनुभव है। वे गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों में भी शामिल हैं, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा। वर्तमान में, वह अमेरिका में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में अंतरिक्ष मिशन की गहन ट्रेनिंग ले रहे हैं। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उनका बेटा देश का नाम रोशन करेगा।

भारत की अंतरिक्ष उड़ानों में नया युग

सुनीता विलियम्स की सफल वापसी और शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान भारत के लिए अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। भारत पहले ही चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 जैसे मिशनों से दुनिया को अपनी अंतरिक्ष शक्ति का परिचय दे चुका है। अब शुभांशु की यह उड़ान भारतीय युवाओं के लिए अंतरिक्ष में करियर बनाने की प्रेरणा बनेगी।

भारत के लिए यह गर्व का क्षण है, क्योंकि अब देश न केवल अपने स्वदेशी अंतरिक्ष मिशनों को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अगले कुछ महीनों में, जब शुभांशु अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे, तब भारत एक नए अंतरिक्ष युग में प्रवेश करेगा।