गन्ने की उत्पादन लागत बढी 36.8 प्रतिशत और मूल्य बढोत्तरी मात्र ₹15 !

किसानों की जेब में नहीं जा सकेगी फूटी कोड़ी भी : देवेंद्र राणा
ब्यूरो डा योगेश कौशिक
बागपत | केंद्र सरकार द्वारा गन्ने के एफआरपी मूल्य में 15 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि को नाकाफी बताते हुए किसानों ने कहा कि, इस बढोत्तरी से किसान की जेब में फूटी कोड़ी भी नहीँ जाएगी | अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसानों में गुस्सा भी साफ झलकता रहा
प्रगतिशील किसान देवेंद्र राणा ने बताया कि, मंहगाई के कारण डीजल, खाद, दवाई, मजदूरी आदि पर किसानों का 36.8 प्रतिशत अतिरिक्त व्यय हुआ ,जबकि सरकार इसे 15 प्रतिशत माना जा रहा है, इस प्रकार 21.6 प्रतिशत का फिर भी किसान को नुकसान होगा, जिसकी भरपाई नहींं की गई है |
पूर्व प्रधान हवन पाल, सुधीर तोमर हंसबीर, प्रेम पाल आदि ने कहा कि, पश्चिमी यूपी के गन्ना किसानों का 18 चीनी मिलों पर 68 करोड़ से अधिक गत वर्ष का बकाया है | वहीं गन्ना कृषि के लागत मूल्य को देखते हुए केंद्र सरकार के 15 रुपये से किसानों का कोई भला होता नहींं देख चौ जसपाल बाबा सलेकचंद आदि ने कहा कि,यदि सरकार मिल मालिकों पर दबाव बनाए और 15 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान कराना सुनिश्चित करे, तो किसान , बैंक , बाजार और बीमारी आदि के लिए समय से बिना ब्याज के धन की व्यवस्था कर, कुछ निश्चिंत जरूर हो सकता है | यह पंद्रह रुपये की बढोत्तरी तो उत्पादन पर बढी लागत को देखते हुए नाकाफी है |