नाले की पटरी में पिल्ली ईंट लगाने की तस्वीरे वायरल कई धार्मिक स्थल तक जाता है बनाए जाने वाला मार्ग

नाले की पटरी में पिल्ली ईंट लगाने की तस्वीरे वायरल कई धार्मिक स्थल तक जाता है बनाए जाने वाला मार्ग

थानाभवन। धार्मिक स्थल तक बनाई जाने वाली सड़क में डूडा विभाग के ठेकेदार ने पिल्ली ईटों से नाले की पटरी का निर्माण शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों द्वारा मना करने पर ठेकेदार ने हठधर्मिता करते हुए काम को जारी रखा। इस संबंध में अवर अभियंता ने ईंटों को हटाए जाने की बात कही है। जबकि धार्मिक स्थल तक जाने वाली सड़क में घटिया सामग्री लगाने के मामले मामले में स्थानीय लोगों ने वीडियो एवं फोटो इंटरनेट मीडिया में वायरल कर दिए हैं।
शामली जनपद की थानाभवन नगर पंचायत में दयाल आश्रम से लेकर कचोरी नाथ मंदिर तक खराब हो चुकी इंटरलॉकिंग की सड़क को डूडा विभाग द्वारा बनाया जा रहा है। डूडा विभाग के ठेकेदार द्वारा सड़क के किनारे पर बने पानी के नाले की एक पटरी को पिल्ली ईटों के द्वारा ठीक किया जा रहा है। जिसमें पिल्ली ईंट लगाए जाने का स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो आरोप है कि मौके पर मौजूद ठेकेदार ने हठधर्मिता दिखाते हुए पिल्ली ईंट से ही निर्माण करने की हठधर्मिता दिखाई। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने वीडियो एवं फोटो बनाकर इंटरनेट मीडिया में वायरल कर दिए। इंटरनेट मीडिया में वायरल तस्वीरों के बाद लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश दिखा की थानाभवन में बनाए जाने वाली इस सड़क पर हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थल संत बूढ़ा बाबू तालाब, कचोरी नाथ मंदिर, दशहरा स्थल, दयाल आश्रम एवं एक विष्णु मंदिर स्थित है। धार्मिक स्थलों पर बनाए जाने वाली सड़कों में भी भ्रष्टाचार होना काफी शर्मनाक है। इस संबंध में अवर अभियंता प्रमोद कुमार डिंगल से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने ठेकेदार से जानकारी प्राप्त की है ठेकेदार ने बताया है कि नाले की पटरी का निर्माण सीसी से किया जाएगा बाद में पिल्ली ईंट को हटा लिया जाएगा। अवर अभियंता द्वारा ठेकेदार का बचाव करना एवं खानापूर्ति करने का मामला भी चर्चा का विषय बना है। लोगों का कहना है कि जब अधिकारी निर्माण कार्य पर भौतिक रूप से सत्यापन नहीं करते एवं मोटी कमीशन खोरी ऐसे मामलों में होती है तो निर्माण कार्य की गुणवत्ता तो घटिया होगी ही। लोगों में यह भी चर्चा है कि पिछले 20 सालों से अधिक समय से उक्त अधिकारी थानाभवन ब्लॉक में ही जमा हुआ है। एक दो बार शिकायत के बाद तबादला हुआ तो तबादला रुकवा लिया तो कभी अन्य जगह तैनाती होने के बाद भी थाना भवन में ही अटैच चल रहा है।