ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए पीड़ित के खाते में साइबर क्राइम द्वारा वापस कराई 1,75,000 रुपए की धनराशि।

-ब्यूरो रिपोर्ट मिथुन गुप्ता
एटा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह के निर्देशन में तथा अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार सिंह व क्षेत्राधिकारी सदर ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह के निकट पर्यवेक्षण में जनपद में साइबर अपराध पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के परिदृश्य चलाए जा रहे अभियान के तहत थाना साइबर क्राइम जनपद एटा द्वारा आनलाइन ठगी का शिकार हुए शिकायतकर्ता ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने शिकायतकर्ता से जे0के0 सीमेन्ट कम्पनी की फ्रेंचाइजी लेने के नाम पर 4,15,000 / रूपये का फ्राड कर लिया गया है, के आरोप अंकित किये गये थे । जिसमें आवेदक के द्वारा थाना कोतवाली देहात जनपद एटा पर मु0अ0सं0 412/2023 धारा 420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट बनाम अज्ञात दिनांक 03.09.2023 को पंजीकृत कराया गया था क्षेत्राधिकारी सदर एटा द्वारा थाना साइबर क्राइम की टीम को प्रकरण की जांच कर शिकायतकर्ता की समुचित मदद करने हेतु निर्देशित किया गया। थाना साइबर क्राइम एटा द्वारा मामले की गंभीरता से जांचकर त्वरित व लाभप्रद कार्यवाही करते हुए तथा सम्बन्धित बैंक / गेट-वे को ई-मेल करते हुये दिनाँक 31.01.2025 को शिकायतकर्ता के 1,75,000 / रूपये की बड़ी रकम को पीडित के बैंक खाते में वापस कराया गया है। अपने पैसे वापस पाकर शिकायतकर्ता द्वारा एटा पुलिस को धन्यवाद देते हुए भूरि भूरि प्रशंसा की गई है।
थाना साइबर क्राइम एटा द्वारा साइबर ठगी से बचने हेतु आमजन को संदेश–
01- खाते में KYC अपडेट कराने के लिये बैकों द्वारा कभी भी किसी से व्यक्तिगत जानकारी/OTP/CVV/पिन नम्बर नही मांगे जाते हैं।
02- ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने वाली कम्पनियों व सरकारी विभाग/कम्पनियों के कस्टमर केयर का नम्बर आधिकारिक वेबसाइट से ही प्राप्त करे ।
03- अज्ञात व्यक्ति/अज्ञात मोबाइल नम्बर द्वारा भेजी गयी लिंक को क्लिक न करे ।
04- किसी के कहने पर कोई भी ऐप डाउनलोड न करे ।
05- कोई भी बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी आपसे एटीएम खाते क्रेडिट कार्ड अन्य से सम्बन्धित जानकारी नहीं मांगता इसलिए कभी भी फोन काल पर अपने बैंक से सम्बन्धित जानकारी शेयर ना करें ।
06- किसी भी क्यूआर कोड से पेमेंट लेते/देते समय यह अवश्य चेक करें कि क्यूआर कोड पेमेंट रिसीव करने वाला है।
07- किसी भी प्रकार का साइबर क्राइम होने पर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर या cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करायें ।