नगर क्षेत्र में बंदरों व कुत्तों का आतंक बरकरार अधिकारियों को नहीं है कोई सरोकार,,,, कई शिकायतों के बावजूद समस्या का नहीं हुआ निस्तारण बंदरों के हमले से 16 वर्षीय किशोर की हो चुकी है मौत सीएचसी में रोज आ रहे दर्जनों घायल।

मवाना इसरार अंसारी। नगर एवं देहात क्षेत्र में बंदरों एवं खूंखार कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है जैसे-जैसे गर्मी का मौसम नजदीक आ रहा है वैसे ही बंदर एवं कुत्ते आकर्मिक होते जा रहे हैं। बुधवार को बंदर एवं कुत्तों के हमले के चलते सुबह से ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बंदरों एवं कुत्तों के हमले के शिकार घायलों की भीड़ एकत्रित होनी शुरू हो गई। दोपहर बाद तक लगभग 100 से अधिक लोगों एवं बच्चों के बंदर व कुत्ते काटे के रेबीज टीके लगाए गए। बता दें कि नगर एवं देहात क्षेत्र में आए दिन बंदरों के हमले से लोग परेशान हैं महिलाओं का छतों पर कपड़े आदि सुखाना दुभर हो गया है बच्चे घर के आस-पास रास्तों से गुजरने के लिए डरने लगे हैं कई बार नगर वासियों के द्वारा अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद किसी का इस ओर ध्यान केंद्रित नहीं है। जबकि पूर्व में भी बंदरों के हमले से एक 16 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत हो चुकी है लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद भी शायद प्रशासन को इससे भी बड़ी किसी अनहोनी का इंतजार है। बुधवार को चीफ केमिस्ट डॉक्टर दुबे कुलियाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अब सप्ताह के सातों दिन कुत्ते और बंदर कांटे रेबीज के टीके लगाए जाते है लेकिन रेबीज के टीके लगवाने वाले घायलों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। विगत दिनों बंदरों के झुंड के हमले से किशोर की हुई मौत के बाद पूर्व पालिका चेयरमैन मोहम्मद अय्यूब ने समस्या का निस्तारण न होने पर धरना प्रदर्शन करने की बात कही थी और बताया था की उन्होंने कई पत्र वन विभाग तथा उप जिलाधिकारी मवाना को दिए हैं लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। शुक्रवार को थाने में तैनात होमगार्ड इंचार्ज बंदरों के हमले से गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिनका सीएचसी में उपचार चल रहा है। कॉलोनी वासियों ने बताया कि कई बार पालिका अधिकारियों एवं उप जिलाधिकारी से शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे तो यही प्रतीत होता है कि जनता जनार्दन की समस्याओं का निस्तारण करने में अधिकारियों की कार्यप्रणाली फेल साबित हो रही है।