अंतर्निहित क्षमताओं के विकास एवं संवर्धन हेतु कार्यशाला का आयोजन

गढ़मुक्तेश्वर
देव मैमोरियल पब्लिक स्कूल में नवीन शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत छात्रों में उनकी अंतर्निहित क्षमताओं के विकास एवं संवर्धन हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया ! गेरार्ड रायटर नीदरलैंड, डेनिया स्वानसन जर्मनी, जैसन फिलिप अमेरिका , डैनी हाइचिंग्स अमेरिका तथा दिग्विजय सिंह भारत महर्षि विश्वविद्यालय नीदरलैंड ने महर्षि महेश योगी द्वारा आविष्कृत ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (भावातीत ध्यान-सिद्धि कार्यक्रम)के माध्यम से छात्रओ और अध्यापकों की क्षमता को विकसित कर उनमें स्वभाविक गुणों के विकास हेतु कार्यशाला का आयोजन किया !, आध्यात्मिक गुरु महर्षि महेश योगी द्वारा विकसित ध्यान पद्धति से व्यक्ति की संपूर्ण क्षमता को क्षण भर में उजागर करना और उसके माध्यम से पूरे राष्ट्र की संपूर्ण क्षमता का द्वार खोलना है। जिससे व्यक्तिगत विकास के साथ राष्ट्र का भी वर्धन हो।दिग्विजय सिंह ने बताया कि वेदों के अंतर्गत छिपे हुए ज्ञान को एक व्यवस्थित प्रणाली के माध्यम से महर्षि महेश योगी ने इसे संसार के सामने प्रस्तुत किया !आज 132 देशों में इस प्रकार की शिक्षा द्वारा छात्रों को तैयार किया जा रहा है। भारत में भी महर्षि विद्या मंदिर के रूप में 200 मेडिटेशन विद्यालय स्थापित है।जहां योग के माध्यम से बच्चे स्वयं को तैयार कर रहे हैं। आगे बताया कि ध्यान के दो भाग होते हैं ! मानव चेतना जो उन पर काबू पा लेता है ! वह संपूर्ण ब्रह्मांड पर काबू पा सकता है ! ज्ञान के माध्यम से मन और चेतना इच्छाएं शांति धीरज स्वभाव चरित्र श्वेता ही आकर्षित होते चले जाते हैं ! मेडिटेशन के माध्यम से मानव अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को जागृत करता है ! जिसे वेद और विज्ञान दोनों मानते हैं ! इस मौके पर स्कूल प्रबंधक राजेंद्र सिंह, उपप्रधानाचार्य युधिष्ठर सिंह यादव कोऑर्डिनेटर योगेन्द्र सिंह अशोक कुमार वीके शर्मा अब्दुल रहूफ, सहित स्कूल के 156 सदस्यों ( स्टाफ) ने पांच दिवसीय कार्यशाला में प्रतिदिन भाग लिया!