पंचकल्याणक महामहोत्सव: कलश और घटयात्रा के साथ शुरू ,डीएम भी अनुष्ठान में हुए शामिल

पंचकल्याणक महामहोत्सव: कलश और घटयात्रा के साथ शुरू ,डीएम भी अनुष्ठान में हुए शामिल

संवाददाता शशि धामा

खेकड़ा।पारस प्रभु अतिशय क्षेत्र बड़ा गांव के त्रिलोक तीर्थ धाम में गुरुवार को कलश और घट यात्रा के साथ मंदिर के लिए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव प्रारम्भ हो गया। यात्राओं में बड़ी संख्या में जैन धर्मावलम्बी शामिल हुए। डीएम ने भी अनुष्ठान में शामिल हो धर्म लाभ उठाया ।

पारस प्रभु अतिशय क्षेत्र बडागांव का त्रिलोक तीर्थ विश्व की अनूठी कृति है। देश के साथ विदेश के जैन धर्मावलम्बी भी यहां पारस प्रभु के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। अब वहां जिनाली का निर्माण कराया गया है। गुरुवार को उनकी प्राणप्रतिष्ठा के लिए पांच दिवसीय पंचकल्याणक महामहोत्सव शुरू हुआ। सवेरे अंकलीकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनील सागर महाराज ने 55 संतों के संघ के साथ त्रिलोक तीर्थ में मंगल प्रवेश किया। अनुष्ठान के प्रतिष्ठाचार्याे ने मंत्रोच्चार के जरिए देव आज्ञा और गुरु आज्ञा ली। प्रतिष्ठाचार्य को निमंत्रित किया। वीरेंद्र जैन ने झंडारोहण किया। केसी जैन ने पंडाल का उद्घाटन किया। इसके बाद धाम परिसर में कलश यात्रा और घट यात्रा निकली। यात्राओं ने प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर और साधुवृत्ति आश्रम में भ्रमण किया। फिर वापस धाम परिसर में पहुंची। वहां पर अनुष्ठान पंडाल में मंत्रोच्चार के बीच कलशों की स्थापना की गई। 

डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने विधिवत् रूप में मंच का उद्घाटन किया। इस दौरान पारस प्रभु का अभिषेक किया गया। शांति धारा की गई। पांडाल और वेदी की शुद्धि की गई। माता के गर्भ कल्याणक की पूजा की गई। यज्ञ मंडल विधान विधान और विश्व शांति के लिए महायज्ञ किया गया। जैन संतों श्रुतसागर महाराज, सुबल सागर महाराज, ज्ञेय सागर महाराज, त्रिलोक भूषण, आर्यिका दृष्टिभूषण माता ने प्रवचन किए। 

शाम के सत्र में इन्द दरबार, तत्वचर्चा, कुबेर द्वारा रत्न वृष्टि, माता वामादेवी की सेवा, माता द्वारा सोलह स्वप्न दर्शन, गीत नृत्य, गर्भ शोधन की क्रिया, गर्भावतरण की आंतरिक क्रियाएं आयोजित हुई। अनुष्ठान में देशभर से जैन धर्मावलम्बी शामिल हुए।

इन्होंने किए अनुष्ठान

ध्वजारोहण वीरेंद्र जैन और बीना जैन ने किया। पंडाल उद्घाटन केसी जैन ने किया। गजराज जैन गंगवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच उद्घाटन राजीव जैन, मंडप उद्घाटन जितेंद्र कुमार जैन, दीप प्रज्वलन मोहित जैन, मनीष जैन ने किया। चित्र अनावरण भूपेंद्र जैन रैना जैन, सुरेश चंद जैन, अनीता जैन, सुरेश चंद विनीत जैन ने किया। जिनवाणी की स्थापना विकास जैन ने की। वेदी स्थापना महेंद्र कुमार जैन जिनेंद्र जैन सचिंद्र जैन, अनिल जैन ने की। मंगल कलश स्थापना नागेंद्र गोयल, प्रमोद जैन, मनोज जैन, प्रवीन जैन, उदय जैन ने की।