धड़ल्ले से चल रही है दर्जनों आरा मशीन और लकड़ी की आढ़त
सरकार को भी लगाया जा रहा है राजस्व का चुनाव वन विभाग के अधिकारी बने अनजान
धड़ल्ले से चल रही है दर्जनों आरा मशीन और लकड़ी की आढ़त
प्रतिबंधित पेड़ों को भी जमकर काटा जा रहा है खुलेआम बिकती है लकड़ियां
सरकार को भी लगाया जा रहा है राजस्व का चुनाव वन विभाग के अधिकारी बने अनजान
स्थानीय पुलिस भी बनी रहती है मूक दर्शक संलिप्ता की चर्चा
गढ़ीपुख़्ता- कच्ची गढ़ी में दर्जनों से भी ज्यादा आरा मशीन और लकड़ी की आढ़त खुलेआम बेरोकटोक और नियमों को तांक पर रखकर चल रही हैं। प्रतिबंधित पेड़ों की लकड़ियां भी काटकर यहां पर बेची जाती हैं। यहां से अन्य राज्यों तक भी लकड़ियां सप्लाई होती है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए अवैध आरा मशीनों एवं लकड़ी बेचने का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है तो स्थानीय पुलिस भी मौन रहती है।
शामली जनपद में पर्यावरण प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है हवा का एक्यूआई 300 के आसपास तक जहरीले स्तर पर पहुंच रहा है लेकिन इसकी चिंता हुक्मरानों को मात्र कागजों में ही है। कागजों पर ही आदेश सिमट का रह जाते हैं। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए शामली जनपद के थाना गढ़ी पुख्ता के कच्ची गढ़ी (गढ़ी अब्दुल्ला) में दर्जनों से ज्यादा आरा मशीन लकड़ी की आढ़त एवं लकड़ी कारोबारियों द्वारा बड़े स्तर पर जनपद भर से पेड़ों की लकड़ी काटकर यहां पर बेची जाती हैं। सरकार को इससे राजस्व की हानि तो हो ही रही है वहीं ऐसे प्रतिबंधित पेड़ भी काट कर यहां बेच दिए जाते हैं जिनकी कटाई पर सरकार ने रोक लगा रखी है। पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान झेलना पड़ रहा है, लेकिन ऐसे लोगों पर वन विभाग के अधिकारी भी चुप्पी साध कर बैठे हैं। वहीं स्थानीय पुलिस भी मूकदर्शक बनी है। लोगों में चर्चा है कि वन विभाग एवं स्थानीय पुलिस फील गुड के कारण अनजान बनी हुई है। इस संबंध में डीएफओ शामली से बातचीत की गई उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जांच कर कार्रवाई करेंगे।