मेरठ: अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार और भ्रष्टाचार का आरोप, 27 मार्च को आत्महत्या की चेतावनी

मेरठ: अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार और भ्रष्टाचार का आरोप, 27 मार्च को आत्महत्या की चेतावनी

मेरठ। जनपद के जलालपुर जोरा गांव में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। गांव के कई परिवारों ने ओबीसी समाज के कुछ प्रभावशाली लोगों पर भूमि कब्जाने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और मनरेगा में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है।

भूमि कब्जा और मारपीट के आरोप

पीड़ितों का आरोप है कि उनकी पुश्तैनी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया है, जबकि सरकारी दस्तावेजों में वह जमीन उनके नाम दर्ज है। जब वे अपनी भूमि पर कब्जा वापस लेने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें मारपीट कर झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाता है।

गांव के निवासियों ने बताया कि 2006 में अनुसूचित जाति के एक युवक को गंगा नदी में डुबोकर मार दिया गया, 2012 में उनके घरों में आग लगा दी गई, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाल ही में, 6 अक्टूबर 2024 और 20 जनवरी 2025 को प्रशासन ने उनकी जमीन की पैमाइश की, जिसमें 200 बीघा भूमि कब्जा मुक्त कराई गई, लेकिन 50 बीघा अभी भी अतिक्रमण के अधीन है।

मनरेगा में घोटाले का आरोप

पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। गांव के प्रधान और कुछ अधिकारियों ने बाहरी लोगों के नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाकर सरकारी धन हड़प लिया। उन्होंने दावा किया कि कई काम सिर्फ कागजों पर हुए, जबकि हकीकत में कोई काम नहीं हुआ।

पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने जिला प्रशासन, तहसील, एसएसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी शिकायतें भेजीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जब उन्होंने विरोध किया, तो प्रधान और उसके समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया।

आत्महत्या की चेतावनी

पीड़ित परिवारों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे 27 मार्च 2025 को संसद भवन के सामने सामूहिक आत्महत्या करेंगे। उनका कहना है कि जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही और उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है, तो जीने का कोई मतलब नहीं रह जाता।