गुर्जर समाज के बाद अब जाट समाज ने भी उठाई डीजे पर महिलाओं के डांस पर पाबंदी की मांग

गुर्जर समाज के बाद अब जाट समाज ने भी उठाई डीजे पर महिलाओं के डांस पर पाबंदी की मांग

••समारोहों में घर -आंगन के भीतर नर्तन की स्वीकृति समाज और परंपरा द्वारा पहले से ही :रविंद्रपाल तोमर

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि

बडौत। एनसीआर क्षेत्र के बिजरौल गांव के प्राचीन शिव मंदिर प्रांगण में जाट समाज की पंचायत आहूत की गई ।पंचायत में भी निर्णय लेते हुए डीजे पर महिलाओं के डांस करने पर पाबंदी लगाने मांग की गई।पंचायत को संबोधित करते हुए जाट समाज के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड चौ रविंद्रपाल तोमर ने कहा कि, हम सब लोगों को मिलकर निर्णय लेना चाहिए कि सड़कों पर जब डीजे बजता है, उस पर महिलाओं का डांस समाज को कलंकित जैसा कार्य है। ऐसे घृणित कृत्य से दूर रहने के लिए महिलाओं से भी आह्वान किया गया। 

उन्होंने कहा कि, जाट समाज भी स्वीकार करता है कि डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। पंचायत को संबोधित करते हुए नरेश चौधरी देवेंद्र सिंह राजू चौधरी अरविंद चौधरी संजीव चौधरी मुकुट कुमार बिजेंद्र सिंह बलवान सिंह चंद्रपाल सिंह विक्रम सिंह बिट्टू चौधरी सुखदेव चौधरी आदि ने भी अपने संबोधन में समारोहों में सडकों पर महिलाओं व बेटियों के डांस को किसी भी मायने में अच्छा नहींं बताया। कहा कि, महिलाएं चार दीवारी के भीतर यह सब पहले से करती आई हैं, जिसे समाज और परंपरा ने स्वीकृति दी हुई है। 

पंचायत में जाट समाज के लोगों ने नरेश कुमार उपाध्यक्ष देवराज सिंह महामंत्री मुकुट भूषण शर्मा कोषाध्यक्ष विजयपाल मंत्री सुशील शर्मा ऑडिटर एवं दिल्ली पुलिस रिटायर्ड देवेंद्र सिंह ढोला संयोजक संजीव कुमार तारा संजीव चौधरी आदि लोगों ने भाग लिया।अध्यक्षता दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड रविंद्र पाल सिंह तोमर ने की तथा संचालन मंदिर ट्रस्ट के महंत आनंद दास ने किया।

*डीजे की तेज आवाज दिल के रोगियों के लिए खतरे का आगाज*

इस अवसर पर समाज के लोगों ने भी कहा कि, डीजे की आवाज से दिल के मरीजों को बड़ी बेचैनी बढ जाती है। तेज आवाज से जब डीजे बजता है तो हार्ट अटैक का भी लोगों में खतरा पैदा हो जाता है।