श्रीलंका मे रैंगला की कंदराओं में आज भी संरक्षित है लंकेश रावण़ का शव

श्रीलंका मे रैंगला की कंदराओं में आज भी संरक्षित है लंकेश रावण़ का शव
रावण़ का ताबूत (प्रतीक चित्र)

पर्वोत्सव विशेष/ब्यूरो महेंद्र राज

रामायण से जुड़े रहस्यों के बारे में जानने की जिज्ञासा हर किसी को होती है। मान्यता है कि आज भी रामायण और भगवान राम से संबंधित कई चिन्ह और सबूत श्रीलंका में मौजूद हैं जिनके बारे में हर कोई जानना चाहता है।यह स्थल भगवान श्री राम और रावण से जुड़ी कई सच्चाइयाँ बयान करते हैं।नवरात्र समाप्त होने के बाद दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है जिसे विजय दशमी भी कहते हैं।मान्यता है कि दशमी के दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था।एक अनुसंधान में दावा किया गया है कि करीब 50 ऐसे स्थान हैं जिनका संबंध रामायण से है।इस खोज के मुताबिक,एक पहाड़ी में बनी गुफा में आज भी रावण का शव सुरक्षित है।

यह गुफा श्रीलंका के रैगला के घने जंगलों में स्थित है।कहा जाता है कि भगवान श्री राम के हाथों रावण के वध को 10 हजार वर्ष से भी ज्यादा हो गए हैं।जिस गुफा में रावण का शव रखा गया है वह रैगला के जंगलों में 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है।यहां पर रावण के शव को ममी बनाकर एक ताबूत में रखा गया है।इस पर एक खास किस्म का लेप लगाया गया है, जिसके चलते हजारों सालों से वो वैसा का वैसा ही दिखता है।यह शोध श्रीलंका के इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर द्वारा किया गया है।इस शोध के मुताबिक,18 फीट लंबे और 5 फीट चौड़े ताबूत में रावण का शव रखा गया है।यह भी कहा जाता है कि इस ताबूत के नीचे रावण का बेशकीमती खजाना है।इस खजाने की रखवाली एक भयंकर नाग और कई खूंखार जानवर करते हैं।मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था,उन्होंने उसके शव को विभीषण को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया था।लेकिन विभीषण ने राजगद्दी संभालने की जल्दी में रावण का अंतिम संस्कार नहीं किया और शव वैसे ही छोड़ दिया।कहा जाता है कि इसके बाद रावण के शव को नागकुल के लोग अपने साथ लेकर चले, क्योंकि उन लोगों को विश्वास था कि रावण की मौत क्षणिक है, वह फिर जिंदा हो जाएगा।

लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके बाद उन्होंने रावण के शव को ममी बना दिया, ताकि सालों तक सुरक्षित रहे। रिसर्च में यह भी दावा किया गया है

कि रावण की अशोक वाटिका कहां थी और उसका पुष्पक विमान कहां उतरता था। इसके अलावा

भगवान हनुमान के पैरों के निशान भी खोजने का दावा किया गया है। लेकिन इन सभी चीजों की प्रमाणिकता अभी तक सिद्ध नहीं हो पाई है।