जिलाधिकारी ने डेंगू व वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए स्कूलों में बच्चों के बीच जागरूकता बढ़ाने के दिये निर्देश
रायबरेली। जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने निर्देश दिये है कि वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए स्कूलों में प्रतिदिन प्रार्थना स्थल पर विद्यार्थियों को मच्छरों से बचाव हेतु क्या करे क्या ना करें का संदेश दिया जाए। उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचाव हेतु क्या करें, सप्ताह में एक दिन एण्टीमास्क्यूट ड्राई से हर रविवार मच्छर पर वार के रूप में मनायें। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर साफ एवं ठहरे पानी में पनपता है इसलिये पानी की टंकियो को ठीक से बन्द होने वाले ढक्कन से ढके कूलर के पानी को प्रति सप्ताह हटा कर कूलर रगड़ कर साफ करें। ये मछर दिन में काटता है इसलिये पूरी अस्तीन की शर्ट, फूल पेन्ट (लडकियों के लिये पूरी अस्तीन का कुर्ता/शर्ट/स्टॉकिंग) व जूता मोजा पहनें, दरवाजा, खिड़कियों और रोशनदानों में मच्छर रोधी जाली लगाये।
जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने आमजनमानस से आग्रह किया है कि डेंगू आदि से बचाव के लिए अपने स्तर पर भी लगातार प्रयास करें, गमलें के नीचे रखी प्लेट, पशु पक्षी के पीने का पानी, छत पर कबाड़ व पुराने टायर फ्रिज के नीचे की ट्रे, टूटे बर्तन में जमा पानी को पूरी तरह से हटा दे। मच्छर भगाने वाली क्रीम ऐरोसॉल क्यायल एवं मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि बुखार आ जाता है तो निकट के अस्पताल से सम्पर्क करें और अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें और आराम करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू आदि से बचाव के लिए सबसे आवश्यक है कि क्या ना करें, घर और घर के आसपास टूटे सामान टायर, बर्तन, या अन्य किसी पात्र में पानी का ठहराव न होने दें। डेंगू रोग की पहचान हेतु केवल प्लेटलेट्स की संख्या पर निर्भर न करें डेंगू रोग हेतु कोई विशेष औषधि नहीं है, स्वयं दवाई ना ले, बुखार होने पर राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सक की सलाह से ही दवा का सेवन करें। एस्प्रिन एवं बूफेन का प्रयोग ना करें। अस्पताल में चिकित्सक की सलाह ना होने पर भर्ती हेतु जबरदस्ती ना करें।