सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखाते बबुरी ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार

सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखाते बबुरी ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार

उदय    प्रताप सिंह

सरकार के आदेशों को जेब में रखकर घूमने वाले ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार जैसे लोग सरकार की छवि कर रहे धूमिल

ऐसे मनमाने अधिकारियों पर कब चलेगा सरकार का चाबुक, कब कसेगा शिकंजा

वेतन लेते हैं जनता के पैसों का, करते हैं अपनी मनमानी, जनता के बीच जाना तो दूर,नहीं रिसीव करते जनता के फोन

माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है कि अधिकारी जनता के फोन को तुरंत उठाएं, यदि किसी कारण फोन रिसीव न हो सके तो कॉल बैक कर जनता से फोन करने का कारण जाने

ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार, आवश्यकता पड़ने पर जनता द्वारा कई बार फोन किए जाने के बावजूद नहीं रिसीव करते फोन

 नरेंद्र कुमार सरकार के निर्देशों के विपरीत कार्य करने में ही अपनी शान समझते है

  सरकार द्वारा जनहित में जारी निर्देशों का इन्हें या तो पता नहीं है, या नरेंद्र कुमार की उच्च अधिकारियों में पैठ होने के चलते,सरकार के निर्देशों से कोई मतलब ही न हो

मामला सुल्तानपुर के ब्लॉक कुड़वार क्षेत्र से कई ग्राम सभाओं का पदभार लिए ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार का है।

आपको बताते चलें कि ग्राम पंचायत अधिकारी प्रिया सिंह के तबादले के बाद, नरेंद्र कुमार की तैनाती कुछ दिन पूर्व ग्राम पंचायत बबुरी, सेंदुरी, मझना, टिकरिया, देवलपुर आदि महत्वपूर्ण ग्राम सभाओं में हुई ।

परंतु ग्राम सभा के स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र कुमार क्षेत्र में बहुत कम आते हैं और यदि आते भी हैं तो प्रधान तक ही सीमित रहते हैं, जनता से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सीधा संवाद न होने के कारण सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक नहीं पहुंच रहा। तथा क्षेत्र में पड़े आधे अधूरे कार्य अपने विकास की गवाही दे रहे हैं

यदि जनता को सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी अथवा ग्रामसभा से संबंधित कोई कार्य, ग्राम पंचायत अधिकारी से पड़े तो वो न मिलते हैं न फोन उठाते हैं। बार बार फोन करने के बावजूद भी फोन नहीं उठाते। जबकि उत्तर प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का सख्त निर्देश है, कि अधिकारी जनता का फोन तुरंत रिसीव करें, यदि किसी कारण फोन रिसीव न हो सके, तो कॉल बैक कर जनता के कॉल करने का कारण जाने और गुणवत्तापूर्ण उसका निराकरण करें। किंतु ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार को शासन की मंशा के अनुरूप काम करने में अपना अपमान नजर आता है

उनको तो सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर,जनता में सरकार की छवि धूमिल करना है। इस तरह से कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही न होना अपने आप में सवाल खड़ा करता है। तथा उच्च अधिकारियों का संरक्षण मिले होने की तरफ इशारा करता है। इन सभी विषयों की जानकारी जब पत्रकारों को हुई, तो पत्रकारों ने दूरभाष के माध्यम से, ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार से क्षेत्र में न आने तथा फोन न रिसीव करने का कारण जानना चाहा, परंतु पत्रकारों के बार-बार फोन करने के बावजूद, ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार का फोन नहीं रिसीव हुआ।अब देखना यह है कि इस तरह से गैर जिम्मेदाराना तथा सरकार की नीतियों के विरुद्ध कार्य करने के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी नरेंद्र कुमार पर, शासन प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।