नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित होगा- मातृ नवजात शिशु देखभाल इकाई (एम0एन0सी0यू0): डीएम गौरांग राठी

कम वजन के नवजात शिशु को मिलेगा बेहतर उपचार जिलाधिकारी गौरागं राठी
भदोही 20 नवम्बर 2022:- कम वजन के नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को लेकर जिलाधिकारी गौरांग राठी ने एक बेहतर कदम उठाया है जिसके तहत जनपद के जिला अस्पताल समेत 8 स्वास्थ्य केंद्रों पर एमएनसीयू वार्ड मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट का निर्माण करने के निर्देश दिए हैं। जनपद में एमएनसीयू वार्ड निर्माण में कम्यूनिटी एम्पावरमेंट लैब सीईएल का वैज्ञानिक एंव तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। एमएनसीयू वार्ड में कम वजन के नवजात शिशु को मां के साथ केएमसी देते हुए बेहतर तरीके से उपचार किया जाएगा, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।बीते दिनों जनपद के अधिकारियों की अध्यक्षता में एमएनसीयू वार्ड के निर्माण को लेकर निर्माण संस्था सीईएल की टीम के साथ बैठक हो चुकी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार चक ने बताया कि जल्द ही जिला अस्पताल सहित 8 स्वास्थ्य केंद्रों पर एमएनसीयू वार्ड का निर्माण होगा, जिसका विवरण निम्नवत है- महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय ज्ञानपुर ,महाराजा बलवन्त सिंह राजकीय चिकित्सालय भदोही, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गोपीगंज | सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, डीघ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सुरियावा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, औराई, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, दुर्गागंज (भानीपुर), । इस प्रकार जनपद के कुल 8 अस्पतालों में 49 एमएनसीयू बेड की उपलब्धता रहेगी।
जिलाधिकारी के निर्देश के कम में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में निणर्य लिया गया कि मा० सांसद निधि, मा० विधायक निधि, बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं सी०एस०आर० के सहयोग से एम0एनसी०यू० वार्ड की स्थापना जनपद में किया जायेगा जिसमें कम वजन के नवजात शिशु को मां की केएमसी के साथ साथ उपचार कराया जाएगा। | एमएनसीयू वार्ड को विशेष सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है, जहां मां के साथ ही नवजात शिशु को प्रशिक्षित स्टाफ़ | नर्स, चिकित्सक द्वारा उपचार दिया जाएगा। जिसमें नवजात शिशु के अनुसार तापमान रखा जाएगा। भदोही के एमएनसीयू वार्ड में 5 स्टार होटल से भी बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी जो जनपद के कम वजन के नवजात शिशु को नया जीवन देने का कार्य करेंगे। एमएनसीयू का संचालन होने के बाद मातृ शिशु मृत्यु दर में भी काफी कमी आएगी।