खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल: बुंदेलखंड की कला और सिनेमा का होगा शानदार प्रदर्शन।
चित्रकूट (1 दिसंबर): खजुराहो में 5 दिसंबर से शुरू होने वाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल इस बार खास रहेगा, क्योंकि इसमें जिले की तीन फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। सपना देखा है हमने, कालीघाट, और बुनियाद—ये वे फिल्में हैं जिन्हें बुंदेलखंड की प्रतिभाओं ने अपनी मेहनत और जोश से आकार दिया है। फेस्टिवल का शुभारंभ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे, और इसे फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना को समर्पित किया जाएगा।
बुंदेलखंड के कलाकारों को विशेष रूप से मंच प्रदान करने का उद्देश्य लेकर यह फेस्टिवल 5 से 11 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें मुंबई की फिल्मी हस्तियों का जमावड़ा होगा। इस अवसर पर प्रदेश और केंद्र सरकार के मंत्री, नेता और कलाकार भी मौजूद रहेंगे।
विशेष रूप से सपना देखा है हमने, जिसे जिले के बंभिया के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने स्वच्छता पर आधारित बनाया है, फेस्टिवल में प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा, कालीघाट और बुनियाद जैसी शॉर्ट फिल्मों को भी प्रमुखता से दिखाया जाएगा। इन फिल्मों के साथ ही कलाकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाएगा।
राजेश खन्ना की याद में टपरा टॉकीज
फेस्टिवल में खजुराहो परिक्षेत्र में पांच टपरा टॉकीज का निर्माण किया गया है, जो राजेश खन्ना अभिनीत फिल्मों के नाम पर होंगे। यहां पर नवोदित कलाकारों द्वारा बनाई गई सैकड़ों फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।
रंगमंच और फिल्मी कार्यशालाओं का आयोजन
इस फेस्टिवल में देश-विदेश से प्रतिभागी शामिल होंगे और वे रंगमंच कार्यशाला, मास्टर क्लास और फिल्म निर्माण पर विशेषज्ञों से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) पुणे, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली, और मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल के प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिभागियों को तकनीकी और सृजनात्मक मार्गदर्शन मिलेगा।
सिनेमा गांव-गांव टूरिंग टाकीज़
इस वर्ष एक नई पहल की गई है—सिनेमा गांव-गांव टूरिंग टाकीज़—जिसके तहत अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे सिनेमा के माध्यम से ग्रामीणों को भी मनोरंजन और शिक्षा का अवसर मिलेगा।
यह फेस्टिवल न केवल बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेगा, बल्कि कला, साहित्य, पत्रकारिता, समाज सेवा और सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को भी सम्मानित करेगा। इस अवसर पर बुंदेलखंड के कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है, जो उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का अवसर प्रदान करेगा।