चकबंदी कार्यों में लापरवाही पर डीएम सख्त, अधिकारियों को चेतावनी, वेतन रोका।

चकबंदी कार्यों में लापरवाही पर डीएम सख्त, अधिकारियों को चेतावनी, वेतन रोका।

चित्रकूट। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने चकबंदी कार्यों में लापरवाही को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। सोमवार को आयोजित समीक्षा बैठक में चकबंदी कार्यों की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए डीएम ने लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगाई और कार्य में सुधार के निर्देश दिए।

चकबंदी कार्यों की गहन समीक्षा

बैठक में जिलाधिकारी ने निदेशालय द्वारा भेजे गए प्रारूप के आधार पर जिले में चल रहे चकबंदी कार्यों की समीक्षा की। अपर जिलाधिकारी न्यायिक और उप संचालक चकबंदी राजेश प्रसाद तथा बंदोबस्त अधिकारी मनोहर लाल ने जिले की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिलाधिकारी ने ग्राम चौपालों और समाधान दिवस में आने वाली शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर जोर देते हुए कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

लापरवाही पर त्वरित कार्रवाई

समीक्षा के दौरान कार्य में असंतोषजनक प्रगति और त्रुटियों को लेकर कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई:

चकबंदी अधिकारी लईक अहमद: कार्य में लापरवाही पर चकबंदी आयुक्त, लखनऊ को उनके खिलाफ कार्रवाई का पत्र भेजने के निर्देश।

चकबंदी लेखपाल संजीत कुमार: त्रुटिपूर्ण दस्तावेज़ तैयार करने पर निलंबन के आदेश।

सहायक चकबंदी अधिकारी सुरेंद्र कुमार और जगरूप वर्मा: सख्त चेतावनी।

कर्मचारियों का वेतन रोका: अमित सिंह, मोहित कुमार और अशोक कुमार का दिसंबर माह का वेतन रोकने के निर्देश।

चकबंदी कार्य समयबद्ध पूरा करने के निर्देश

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि कार्यों में लापरवाही जारी रही तो कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चकबंदी से संबंधित मामलों को ग्राम चौपालों में सुलझाने और मौके पर ही समाधान करने पर जोर दिया।

जनता को दिया आश्वासन

डीएम ने कहा, "चकबंदी कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। जनहित के मामलों में गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध समाधान हमारी प्राथमिकता है।"

इस समीक्षा बैठक में चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी के इस कड़े कदम से कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।