सूर्य नमस्कार: योगाचार्य ने बताए चमत्कारी लाभ।

चित्रकूट ब्यूरो: सूर्य नमस्कार न केवल एक व्यायाम है, बल्कि यह शरीर और मन के लिए एक सम्पूर्ण इलाज है। इसमें विभिन्न योग आसनों और प्राणायाम का संयोजन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है। कुबेर गंज निवासी योगाचार्य रमेश सिंह राजपूत ने सूर्य नमस्कार के चमत्कारी लाभों के बारे में बताया और इसके नियमित अभ्यास से होने वाले अद्वितीय फायदे साझा किए।
योगाचार्य के अनुसार, सूर्य नमस्कार को यदि सही विधि से श्वास-प्रश्वास के साथ किया जाए, तो यह मेरुदंड को लचीला बनाता है और शरीर की संपूर्ण शक्ति को बढ़ाता है। इस अभ्यास से शारीरिक संतुलन बेहतर होता है, कमर पतली और फुर्तीली रहती है, और वृद्धावस्था में कमर के झुकने की समस्या से निजात मिलती है। इसके अलावा, यह शरीर के सभी अंगों को सशक्त और निरोग बनाता है।
सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है, चेहरे पर निखार और चमक आती है, और महिलाओं के लिए विशेष रूप से कमर, कूल्हे और छाती सुडौल रहती है। मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है—तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं से राहत मिलती है, जबकि श्वास और हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव होता है।
योगाचार्य ने बताया कि सूर्य नमस्कार में 12 विभिन्न स्थितियाँ होती हैं, जिनमें श्वास-प्रश्वास की लय के साथ प्रत्येक आसन को किया जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख स्थितियाँ हैं प्रणमासन, भुजंगासन, और अधोमुख श्वानासन, जो शरीर के विभिन्न अंगों को सक्रिय करते हैं और रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं।
योगाचार्य ने यह भी कहा कि यह व्यायाम सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए लाभकारी है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को तीन महीने से अधिक के गर्भावस्था के दौरान इसे नहीं करना चाहिए।
सूर्य नमस्कार, जो शरीर और मन को एक साथ स्वस्थ रखने का बेहतरीन तरीका है, अब ज्यादा से ज्यादा लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बनना चाहिए।