शिव-पार्वती विवाह का मुख्य कारण था तारकासुर वध: स्वामी कमलदास जी बापू

चित्रकूट: श्री लइना बाबा सरकार की विशेष कृपा से महाकुंभ के उपलक्ष्य में श्री परमानन्देश्वर परम धाम महादेव मंदिर, तहसील परिसर, कर्वी में आयोजित नौ दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन जारी है। छठवें दिन कथा के राष्ट्रीय संत और प्रसिद्ध कथा वाचक स्वामी कमलदास जी बापू ने श्रद्धालुओं को शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाई।
स्वामी जी ने कथा में बताया कि शिव-पार्वती विवाह के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कारण था तारकासुर दैत्य का वध। उन्होंने समझाया कि तारकासुर ने भगवान ब्रह्मा की कठोर तपस्या कर यह वरदान प्राप्त किया था कि उसकी मृत्यु केवल शिव पुत्र द्वारा ही हो सकती है। इसी कारण शिव का विवाह देवी पार्वती से हुआ ताकि उनके पुत्र कार्तिकेय द्वारा तारकासुर का वध संभव हो सके।
संवेदनशीलता और परोपकार का महत्त्व
कथा के दौरान स्वामी जी ने एक प्रेरणादायक कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, "संवेदनशीलता मनुष्य की देविक प्रवृत्ति है। यह गुण उसे आत्मिक उन्नति के साथ-साथ देवलोक तक ले जा सकता है। दूसरों की सहायता करना, भले ही वह छोटा प्रयास ही क्यों न हो, मानव जीवन को सार्थक बनाता है।" उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक छोटा बच्चा समुद्र तट पर फंसी मछलियों को बचाने के लिए अपने सामर्थ्य से प्रयास कर रहा था।
"कर्म की दिशा से बनता है भाग्य"
स्वामी जी ने कहा, "जीवन में कर्म का बहुत बड़ा महत्व है। यह जरूरी नहीं कि काम बड़ा हो, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि वह अच्छा हो। परोपकार और संवेदनशीलता जैसे कार्य हमारे अगले जन्मों के भाग्य का निर्माण करते हैं। मनुष्य को सदैव सच्चे संतों की वाणी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।"
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
कथा में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मुख्य यजमान अनुसुइया प्रसाद यादव और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूनम यादव ने भगवान शिव और पार्वती की भव्य झांकी के दर्शन किए। साथ ही, मंदिर के महंत विद्यानंद जी महाराज और अन्य संतों ने भी कथा का श्रवण किया।
कार्यक्रम के दौरान स्वामी जी की धर्मपत्नी श्रीमती ज्ञानवती देवी मिश्रा ने बताया कि कथा के माध्यम से श्रद्धालुओं को न केवल धार्मिक शिक्षा दी जा रही है, बल्कि जीवन के मूल्यों और परोपकार का भी महत्व समझाया जा रहा है।
आगामी कार्यक्रम
नौ दिवसीय इस आयोजन के आगामी दिनों में शिवमहापुराण की अन्य कथाएं सुनाई जाएंगी। श्रद्धालुओं में कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह है।