बुंदेली साहित्य समागम में गूंजे साहित्यिक सुर, कवियों की वाणी ने बांधा समां।

बुंदेली साहित्य समागम में गूंजे साहित्यिक सुर, कवियों की वाणी ने बांधा समां।

चित्रकूट, मानिकपुर। बुंदेली संस्कृति, साहित्य और काव्य का अनूठा संगम मंगलवार को आदर्श इंटर कॉलेज मानिकपुर के सभागार में देखने को मिला। भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में आयोजित "बुंदेली साहित्य समागम एवं कवि सम्मेलन" में साहित्यकारों और कवियों ने अपनी ओजस्वी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा में दीप प्रज्वलन और बाल कवयित्री प्रियांशी सिंह पल्लवी की सरस्वती वंदना से हुआ। मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी जसीम ख़ान ने अपने उद्बोधन में कहा, "बुंदेली साहित्य हमारे जीवन के मूल्यों और परंपराओं का प्रतीक है।" उन्होंने अपनी स्वरचित कविता "तरक्की की भीड़ में बाजार बहुत है, शख्स तन्हा, पर खरीददार बहुत हैं" प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।

बुंदेली संस्कृति का शानदार चित्रण

महोबा से आए प्रख्यात बुंदेली साहित्यकार संतोष पटेरिया ने अपने गीत "पै जो राते घरैं साल भर, कीसे नाज मंगाते" के माध्यम से बुंदेलखंड की लोक परंपराओं और कहावतों का गहन विश्लेषण किया। उन्होंने बुंदेली कहावतों का अर्थ बताते हुए साहित्य की समृद्धि को उजागर किया।

कार्यक्रम में रामपाल त्रिपाठी और डॉ. मनोज द्विवेदी ने साहित्यकारों और अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। उन्होंने बताया कि पत्रकार संघ द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रम साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लगातार आयोजित किए जाते रहे हैं।

कवियों ने बांधा समां

कार्यक्रम में डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह भ्रमर, प्रियंका त्रिपाठी 'तरंग', संदीप श्रीवास्तव, शिवपूजन यादव, और अर्चन द्विवेदी जैसे कवियों ने अपनी ओजस्वी कविताओं और हास्य रचनाओं से समां बांध दिया। बाल कवयित्री प्रियांशी सिंह पल्लवी ने भी अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति से खूब सराहना बटोरी।

साहित्यिक प्रदर्शनी ने बढ़ाई शोभा

कार्यक्रम में संतोष पटेरिया और रामपाल त्रिपाठी द्वारा बुंदेली साहित्य और पत्र-पत्रिकाओं की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई, जिसने साहित्य प्रेमियों को आकर्षित किया।

सम्मान और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान

उप जिलाधिकारी जसीम ख़ान ने इस अवसर पर डॉ. गौरव पांडेय को भुवनेश्वर, उड़ीसा में मिले सम्मान के लिए शुभकामनाएं दीं। साथ ही, उन्होंने आयोजन के संयोजकों को इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।

विशिष्ट जनों की उपस्थिति

इस मौके पर आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय के निदेशक बलवीर सिंह, प्रधानाचार्य राकेश प्रताप सिंह, साहित्यकार मूलचंद्र कुशवाहा, कवयित्री प्रियंका त्रिपाठी 'तरंग', और थानाध्यक्ष दुर्ग विजय सिंह सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि अर्चन द्विवेदी ने किया और जिला अध्यक्ष डॉ. मनोज द्विवेदी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए इसे साहित्य और संस्कृति के संरक्षण का अभूतपूर्व प्रयास बताया।

साहित्यिक ऊर्जा और बुंदेली संस्कृति की इस प्रस्तुति ने क्षेत्रीय साहित्य प्रेमियों को एक अमिट यादगार दी।