आईडीबीआई बैंक ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को दिया तोहफा, वाटर कूलर और कंप्यूटर भेंट।

आईडीबीआई बैंक ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को दिया तोहफा, वाटर कूलर और कंप्यूटर भेंट।

चित्रकूट। शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के उद्देश्य से आईडीबीआई बैंक ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) कार्यक्रम के तहत सरकारी विद्यालयों में वाटर कूलर और कंप्यूटर वितरित करने की पहल की है। इस योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय, कम्पोजिट विद्यालय नई बाजार कर्वी में बैंक द्वारा वाटर कूलर और कंप्यूटर प्रदान किया गया।

शिक्षा के विकास में अहम योगदान

कार्यक्रम के दौरान प्रभारी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी शशांक शेखर शुक्ला ने कहा कि बैंक द्वारा दिए गए इन संसाधनों से बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर के माध्यम से बच्चे आधुनिक तकनीक से जुड़ सकेंगे और वैश्विक ज्ञान से अवगत होंगे। खण्ड शिक्षाधिकारी अतुल तिवारी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बैंकिंग सेक्टर द्वारा सरकारी स्कूलों को सहयोग देना एक सकारात्मक कदम है, जिससे बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

बच्चों के भविष्य को मिलेगा संबल

आईडीबीआई बैंक के सहायक महाप्रबंधक संदीप पाण्डेय ने बताया कि बैंक केवल वित्तीय सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन खाता, ऋण खाता और भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे बैंक में वेतन खाता खुलवाने वाले सरकारी कर्मचारियों को 50 लाख रुपये का निःशुल्क बीमा प्राप्त हो सकता है।

सरकारी स्कूलों में बढ़ेंगी सुविधाएं

बेसिक शिक्षा वित्त एवं लेखाधिकारी प्रकाश सिंह ने कहा कि इस तरह की पहल सरकारी स्कूलों के बच्चों के शैक्षिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी। वहीं, शाखा प्रबंधक अर्चित बंसल ने बताया कि यह योजना केवल एक स्कूल तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जल्द ही अन्य सरकारी विद्यालयों में भी वाटर कूलर और कंप्यूटर वितरित किए जाएंगे।

कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग रहे मौजूद

इस मौके पर बैंक कर्मी हेमंत कुमार, शुभम सिंह, शिवम अग्रहरि के साथ-साथ बेसिक शिक्षा विभाग के संतोष मिश्रा, कुलदीप सिंह, घनश्याम गर्ग, अभ्युदय साहू समेत कई अधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे।

आईडीबीआई बैंक की यह पहल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे न केवल उन्हें स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिलेगी, बल्कि डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में भी नए अवसर प्राप्त होंगे।