ग्रामीण किसानों को नई तकनीकों की जानकारी, शैक्षणिक भ्रमण में सीखे आजीविका संवर्धन के गुर

चित्रकूट ब्यूरो। ग्रामीण किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और स्वरोजगार के नए अवसरों से अवगत कराने के लिए द हंस फाउंडेशन द्वारा आजीविका परियोजना के अंतर्गत मऊ और मानिकपुर की 20 ग्राम पंचायतों के 35 किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। इस दौरान किसानों को कृषि, पशुपालन और लघु उद्योगों की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी गई।
कृषि विज्ञान केंद्र में देखे आधुनिक प्रयोग
भ्रमण के दौरान किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र के बगीचों और लघु उद्योग इकाइयों को नजदीक से देखा और वहां हो रहे नवाचारों के बारे में विशेषज्ञों से सीखा। उन्होंने बागवानी, जैविक खेती, ड्रिप सिंचाई, वर्मी कंपोस्ट, औषधीय पौधों की खेती के साथ-साथ गिरी गाय, साहीवाल गाय और देशी नस्लों की विशेषताओं को भी जाना।
मुर्गी पालन में बढ़ी रुचि
शैक्षणिक भ्रमण के दौरान किसानों ने कड़कनाथ और देशी मुर्गी पालन के महत्व को समझा। विशेषज्ञों ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गी अपने औषधीय गुणों और कम खर्च में अधिक लाभ देने के कारण किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
किसानों को मिला प्रशिक्षण
परियोजना प्रबंधक संतोष कुमार मिश्रा, विषय विशेषज्ञ डॉ. श्रीकांत, इं. मुकेश मंडरहा, ब्लॉक समन्वयक आसाराम सिंह, मुकेश तिवारी, फील्ड समन्वयक दुर्गेश, सफाक खातून, पवन, आशीष, रजनीश, प्रिंस आदि ने किसानों को कृषि आधारित स्वरोजगार के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया।
किसानों की प्रतिक्रिया
भ्रमण में शामिल किसान रामस्वरूप ने बताया, "हमने पहली बार आधुनिक कृषि तकनीकों को करीब से देखा। अब हम अपने खेतों में बागवानी और पशुपालन के नए तरीकों को अपनाएंगे, जिससे आमदनी बढ़ेगी।"
निष्कर्ष: इस शैक्षणिक भ्रमण ने किसानों को तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव का बेहतरीन अवसर दिया। यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और किसानों की आजीविका बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।