श्री शिवमहापुराण कथा का दिवाकरी में भव्य शुभारंभ, स्वामी कमलदास बापू ने कहा— "भगवान शिव की कृपा उन्हीं को मिलती है, जो भगवान राम का अनुकरण करते हैं"

अलवर। माष शिवरात्रि के पावन अवसर पर श्री लइना बाबा सरकार की कृपा से सर्व पुरुषार्थी समाज दिवाकरी, अलवर एवं दिवाकरी गांव के समस्त भक्तजनों के सहयोग से श्री मांता जी मंदिर में 7 दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा का आज भव्य शुभारंभ हुआ।
कलश यात्रा से गूंजा दिवाकरी, भक्तिमय हुआ माहौल
कथा से पूर्व प्रमुख यजमान कमल कपूर व उनकी धर्मपत्नी कर्मा देवी के नेतृत्व में श्री मांता जी मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। ढोल-नगाड़ों और श्रद्धा के जयघोष के बीच बड़ी संख्या में मातृशक्ति ने इसमें भाग लिया। पूरा वातावरण "हर-हर महादेव" और "जय श्रीराम" के नारों से गूंज उठा, जिससे पूरे गांव में एक अलौकिक आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया।
"रामभक्ति ही शिवकृपा का आधार"— स्वामी कमलदास बापू
श्री चित्रकूट धाम, उत्तर प्रदेश से पधारे राष्ट्रीय संत स्वामी कमलदास जी बापू ने श्री शिवमहापुराण कथा के प्रथम दिन श्रद्धालुओं को भगवान शिव और श्रीराम के अटूट संबंध की गूढ़ व्याख्या की। उन्होंने कहा—
"भगवान शिव की कृपा उसी को प्राप्त होती है, जो भगवान राम का अनुकरण करता है।"
उन्होंने बताया कि शिवभक्ति और रामनाम के बिना जीवन अधूरा है। जो श्रीराम के आदर्शों को अपनाता है, वही भगवान शिव का सच्चा भक्त बन सकता है। कथा के दौरान उन्होंने शिवमहापुराण के अद्भुत रहस्यों को उजागर किया, जिससे भक्तगण भाव-विभोर हो गए।
श्रद्धालुओं की मांग पर तय हुआ कथा का समय
स्वामी कमलदास जी बापू की धर्मपत्नी श्रीमती ज्ञानवती देवी मिश्रा ने बताया कि भक्तों की विशेष मांग पर शिवमहापुराण कथा का समय दोपहर 2:15 बजे से सायं 5:15 बजे तक रखा गया है। यह आयोजन 24 मार्च से लगातार 7 दिन तक चलेगा, जिसमें भक्तजन भगवान शिव की लीलाओं का श्रवण कर सकेंगे।
दिवाकरी गांव हुआ शिवमय, उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
कथा के शुभारंभ के साथ ही दिवाकरी गांव भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवमहापुराण की अमृतवाणी सुनने के लिए उमड़ रहे हैं। आयोजकों ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है, जिससे सभी भक्त सुगमता से कथा का आनंद ले सकें।
आध्यात्मिक जागरण के महोत्सव में शामिल हों!
श्री शिवमहापुराण कथा न केवल शिवमहिमा का बखान करती है, बल्कि हमें धर्म, भक्ति और आदर्श जीवन का मार्ग भी दिखाती है। भक्तगण इस दिव्य आयोजन का लाभ उठाकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।