चित्रकूट में विशेष लोक अदालत में 58 वादों का निस्तारण, ₹3.33 लाख की वसूली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर भी हुई बैठक।

चित्रकूट, 26 अप्रैल 2025।
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार आज जनपद चित्रकूट में विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत का उद्देश्य विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत लंबित शमनीय दाण्डिक मामलों एवं आपराधिक (Petty Offences) मामलों के त्वरित निस्तारण को सुनिश्चित करना रहा।
माननीय जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री राकेश कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन तथा सचिव/अपर जिला जज श्रीमती नीलू मैनवाल के संयोजन में आयोजित इस लोक अदालत में उल्लेखनीय सफलता मिली।
विशेष लोक अदालत के दौरान प्रथम अपर जिला जज श्री अनुराग कुरील ने विद्युत अधिनियम से संबंधित 24 वादों का निस्तारण किया। वहीं, विद्युत मामलों में प्री-लिटिगेशन स्तर पर 21 वादों का आपसी समझौते के आधार पर निपटारा करते हुए कुल ₹3,33,850/- की वसूली की गई।
इसी क्रम में आपराधिक (Petty Offences) के 34 मामलों का भी निस्तारण किया गया। इन वादों के निपटारे में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राजेन्द्र प्रसाद भारती ने 10, सिविल जज (सी.डी.) श्री सचिन कुमार दीक्षित ने 5, सिविल जज (सी.डी.)/एफ.टी.सी. सुश्री वर्णिका शुक्ला ने 4, सिविल जज (जू.डि.) श्रीमती सैफाली यादव ने 5, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय सुश्री अंजलिका प्रियदर्शिनी ने 5 तथा सिविल जज (जू.डि.)/मऊ श्री एस. आनंद ने भी 5 वादों का निस्तारण किया।
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए तैयारियां तेज
आगामी 10 मई 2025 को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्री कृष्ण यादव की अध्यक्षता में प्री-ट्रायल बैठक का आयोजन भी किया गया। बैठक में मोटर दुर्घटना से संबंधित मामलों में पक्षकारों और अधिवक्ताओं को आपसी सुलह के माध्यम से अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराने के लिए प्रेरित किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्री नवीनचन्द्र त्रिपाठी, श्री राजकिशोर त्रिपाठी, श्री कमलाकांत मिश्रा, श्री नन्दकिशोर, श्री शिवकृष्ण त्रिपाठी, श्री राजेश द्विवेदी, श्री राजीव कुमार सहित अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के इस प्रयास से न केवल लंबित वादों के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया को भी और अधिक जनसुलभ बनाया जा सकेगा।