Aligarh News:-बन्द कैदी बना रहे लकड़ी के ओम और ताले,कुम्भ मेले में लगेगी स्टॉल!
लक्ष्मन सिंह राघव/अलीगढ
Aligarh News:-कुशल कारीगरों के साथ-साथ अलीगढ़ की जेल की चार दिवारी के अंदर बंद कैदी भी अलग होना रखते हैं! यही कारण है! जेल में बंद कैदियों के द्वारा अपने हुनर का बेहतरीन प्रदर्शन किया जा रहा है! इस प्रदर्शन में जेल में बंद कैदियों के द्वारा तरह-तरह के उपकरण बनाए जा रहे हैं! यह उपकरणों अब महाकुंभ की शान बनेंगे मां कुंभ में जहां एक और देश वर्सेस श्रद्धालु इकट्ठा होंगे! तो वहीं दूसरी ओर विदेश से भी
अलीगढ़ के जेल में बंद कैदियों के हुनर की मिसाल इस बार महाकुंभ में देखने को मिलेगी! प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु विशेष रूप से तैयार किए गए! अलीगढ़ के प्रसिद्ध ताले खरीद पाएंगे! यह पहल कैदियों को न केवल आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी! बल्कि उनके कौशल को भी एक नया मंच प्रदान करेगी!
अलीगढ़ अपनी ताला कला और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है! इस बार जिला कारागार के कैदियों के बनाए ताले महाकुंभ में प्रस्तुत किए जाएंगे! जेल अधीक्षक के अनुसार, कारागार में हर दिन लगभग 1200 ताले तैयार किए जा रहे हैं! इन तालों को महाकुंभ में सस्ते दामों पर श्रद्धालुओं के लिए! उपलब्ध कराया जाएगा!
कैदियों के इस काम को सराहते हुए! अधिकारियों ने बताया! कि यह केवल ताले बनाने तक सीमित नहीं है! यह पहल कैदियों को आत्मनिर्भर बनने और समाज में दोबारा अपनी जगह बनाने का अवसर प्रदान करती है!
जेल अधीक्षक ने जानकारी दी! कि इस बार महाकुंभ में जेल विभाग का एक स्टॉल स्थापित किया जाएगा! इस स्टॉल पर न केवल ताले बल्कि कैदियों द्वारा बनाए गए! लकड़ी के विभिन्न सामान भी प्रदर्शित किए जाएंगे! महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु इन सामानों को खरीद सकेंगे! इससे न केवल कैदियों की कला को पहचान मिलेगी! बल्कि श्रद्धालुओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद भी उपलब्ध होंगे!
जेल में सजा काट रहे! विनोद कुमार जो आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं! ने बताया! कि उन्होंने जेल में ही ताला बनाने की कला सीखी विनोद का कहना है! यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे बनाए ताले देश और विदेश में प्रसिद्ध हो रहे हैं! महाकुंभ में इनके प्रदर्शन से हमारा मनोबल और बढ़ेगा!
उन्होंने आगे कहा! कि जेल प्रशासन ने उन्हें यह अवसर दिया है! जिससे वह अपने जीवन को एक नई दिशा दे पा रहे हैं! हर दिन लगभग बारह से तेरह सौ ताले तैयार किए जा रहे हैं! यह काम न केवल उनके समय का सदुपयोग करता है! बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाता है!
नई शुरुआत की उम्मीद
कैदियों ने इस पहल को अपने जीवन में बदलाव का एक अहम कदम बताया है! उनका कहना है! कि इस प्रयास से न केवल उनके कौशल को पहचान मिली है! बल्कि उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान पाने की उम्मीद भी बढ़ी है!
महाकुंभ के इस आयोजन से अलीगढ़ के कैदियों को एक नई पहचान मिलेगी! यह न केवल उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन होगा! बल्कि उनके पुनर्वास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा!
अलीगढ़ जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए! ताले महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होंगे! यह पहल न केवल उनकी कला को बढ़ावा देगी! बल्कि उनके जीवन को भी नई दिशा देगी! महाकुंभ के माध्यम से यह दिखाया जाएगा! कि समाज के हर वर्ग में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है! अगर उन्हें सही दिशा और अवसर मिलें!