वैलेंटाइन डे का मनाया जाना हमारी परंपरा और संस्कृति से हटकर, निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण : सविता आर्या

••रवि शास्त्री द्वारा जून में बेटियों के लिए योग व चरित्र निर्माण शिविर की घोषणा

वैलेंटाइन डे का मनाया जाना हमारी परंपरा और संस्कृति से हटकर, निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण : सविता आर्या

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि

दोघट।आर्य समाज कस्बा टीकरी का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव यज्ञ के साथ स्वामी कल्याण देव जनता वैदिक कन्या विद्यालय टीकरी में प्रारंभ हुआ।
यज्ञ की पुरोहित बनी सविता आर्या ने बेटियों को संबोधित करते हुए कहा कि, वैलेंटाइन डे भारतीय संस्कृति से विमुख व भ्रमित नौजवानों के द्वारा मनाये जाना घोर निंदनीय होने के साथ ही दुर्भाग्यपूर्ण भी है। वैलेंटाइन डे न हमारी परंपरा और न ही संस्कृति । यह पाश्चात्य संस्कृति का जहर है, जिससे हमारी युवा पीढ़ी को बचना चाहिए। 

उन्होंने कहा,वर्तमान समय में नैतिक शिक्षा के माध्यम से ही हम अपनी आने वाली पीढ़ी का सुधार कर सकते हैं। भजनोपदेशक राजेंद्र आर्य ने कहा, भारतीय संस्कृति दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। नौजवान पीढ़ी इसे ही आत्मसात् करें। भजनोपदेशक सोमपाल आर्य ने बेटियों से भविष्य में आदर्श नारी बनने का आह्वान किया। 

इस अवसर पर मा विजय सिंह राठी ने कहां आर्य समाज स्वामी दयानंद सरस्वती जी की 201 वीं जयंती उत्सव पूर्वक मना रहा है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के मंत्री रवि शास्त्री ने सर्वांगीण विकास के लिए बेटियों से जून माह में लगने वाले योग एवं चरित्र निर्माण शिविर में भाग लेने के लिए आह्वान किया। इस अवसर पर स्वामी सत्यवेश सरस्वती, राष्ट्र वर्धन मुनि, जितेंद्र आर्य ,पूर्व अध्यक्ष विक्रम सिंह, देवेंद्र आर्य, सत्यवीर आर्य, वेद व्रत आर्य, दिनेश आर्या, प्रधानाचार्या बबीता देवी, दीपा जैन, शालू, रीता राठी, अमित आदि उपस्थित रहे।