श्रावकों ने किया उत्तम आकिन्चन धर्म अंगीकार ,इष्ट उपदेश पुस्तक का हुआ विमोचन
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत।दसलक्षण धर्म के नवें दिन ऋषभ सभागार में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सानिध्य मे जैन श्रद्धालुओ द्वारा जिनेंद्र भगवान की आराधना की गयी और उत्तम आकिन्चन धर्म अंगीकार किया गया।
पं कमल कमलांकुर और पं श्रेयांस जैन के निर्देशन मे शिविर साधकों द्वारा जिनेंद्र भगवान की प्रतिमा का नाचते गाते भक्तिभाव से अभिषेक किया गया।सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य राकेश कुमार ऋषभ जैन कोयले वालो को प्राप्त हुआ।शांति धारा का सौभाग्य गौरव जैन आदि जैन और रमेश चंद प्रदीप जैन को प्राप्त हुआ।आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन डॉ वीरेंद्र सिंह और दिगंबर जैन कॉलेज के शिक्षकों द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट का सौभाग्य दिगंबर जैन बाल सदन के शिक्षकों को प्राप्त हुआ।
शिविर के मध्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज द्वारा लिखी पुस्तक, इष्ट उपदेश , का विमोचन डॉ श्रेयांस जैन, पं कमल कमलांकुर व सुखमाल जैन द्वारा किया गया।पुस्तक का प्रकाशन सुखमाल जैन कली वालों और धनपाल जैन द्वारा कराया गया। धन कुमार जैन,धनेंद्र जैन,प्रवीण जैन,सुनील जैन,सुदेश जैन, अरविंद मुन्ना सर्राफ,प्रदीप जैन, मुकेश जैन, राजकुमार जैन, धनपाल जैन, अजय जैन, कमल जैन, पवन जैन, आनंद जैन, अमित जैन, अंकुर जैन, सुरेंद्र जैन,अतुल जैन आदि उपस्थित रहे।