मिलावटी दूध पीने से सावधान, हो सकती है लीवर कैंसर और किडनी डैमेज जैसी खतरनाक बीमारियां

मिलावटी दूध पीने से सावधान, हो सकती है लीवर कैंसर और किडनी डैमेज जैसी खतरनाक बीमारियां

अमरोहा। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दुध हर परिवार में इस्तेमाल हो रहा है गांवों से दूध लाकर शहरो में बेच रहे दूध के कारोबारी दूध में मिलावट करके लाते है और हसनपुर की मीठे की दुकानों और घरों में मिलावटी दूध बेच रहे है भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ऋरअक के हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है कि भारत में बिकने वाला करीब 10 प्रतिशत दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इस 10 प्रतिशत में 40 प्रतिशत मात्रा पैकेज्ड मिल्क की है जो हर रोज हमारे इस्तेमाल में आते हैं।

बता दे कि दूध में मिलावट होने वाली सामग्री यूरिया खाद, वेजिटेबल, ऑयल, ग्लूकोज

स्टार्च

और अमोनियम सल्फेट जैसे तत्व मिलाए जाते हैं. ये मिलावट हमारे सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है. दूषित या कहें कि कंटामिनेटेड मिल्क से होने वाले नुकसानों पर जानकारों की काफी अलग राय है. जानकारों की माने तो कॉन्टैमिनेटेड दूध से होने वाला नुकसान इस बात पर निर्भर करता है कि कंटामिनेशन कैसा है. अगर दूध में बैक्टीरियल कंटामिनेशन है तो आपको फूड

डिटरजेंट

पाउडर

प्वाइजनिंग, पेट दर्द, डायरिया, इंटेस्टाइन इंफेक्शन, टाइफाइड, उल्टी, लूज मोशन जैसे इफेक्शन होने का डर होता है गर्मियों के मौसम में दुध की प्रोडक्शन कम हो रही है इसके बाबजूद भी डिमांड पूरी कैसे हो रही है ध्यान रहे दूध में मिलावट कोई नई बात नहीं है, लेकिन ध्यान रहे कि दूध में जिस तरह के केमिकल वाली चीजें मिलाई जाती हैं, वो सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं, उनमें

से एक माल्टोडेक्सट्रिन भी है। और फॉर्मलीन से भी दूध तैयार किया जाता है ज्यादा मुनाफा के कमाने के लिए बढ़े स्तर से लेकर छोटे स्तर तक दूध में मिलावट होती है और इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को होती है लेकिन विभागीय अधिकारी भी इनसे मोटा पैसा लेते है मतलब सीधा है कि अधिकारियों को सिर्फ पैसा चाहिए पब्लिक की मरती है तो मरती रहे अगर कोई हादसा हो भी जाता है या कभी जांच में सैंपल भर भी लेते है तो ले देकर मामला शांत हो जाता है और फिर से कारोबारी खुलेआम मिलावट करते है और मोटा मुनाफा कमाते है यही सबसे बड़ी वजह है जो दुध में मिलावट करने वालो पर कार्यवाही नही होती है।