बरनावा के डेरा सच्चा सौदा से लाइव संत प्रवचन मालिक के शब्दों का अभ्यास करते हुए अपने अनुभवों को शिष्यों को दिया जाने वाला ही गुरुमंत्र : गुरमीत राम रहीम

बिनौली।संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ,बुधवार को विदेशों सहित देश के कोने-कोने में बने डेरा सच्चा सौदा के विभिन्न आश्रमों, नाम चर्चा घरों में बैठी साध-संगत से, शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से ऑनलाइन रूबरू हुए और साध-संगत को अपना आशीर्वाद दिया।
इस दौरान राम रहीम ने गुरुमंत्र के बारे में बताते हुए कहा कि, गुरुमंत्र पुरातन शब्द है। लगभग करीब 12 हजार साल पुराने बने पाक-पवित्र वेद को हमने हमने पढ़ा है, लेकिन गुुरूमंत्र तो उससे भी पुरातन है।
बताया कि, गुरुमंत्र, यानि गु का मतलब अंधकार और रू का मतलब प्रकाश होता है। गु और रु शब्द के जोडऩे से बनता है जो अज्ञानता रूपी अंधकार में प्रकाश रूपी दीपक जला दे। मंत्र का अर्थ है शब्द, युक्ति, मैथ्ड। यानि गुरु, जो मालिक के शब्दों का खुद अभ्यास करता है और उससे उसे जो अनुभव होता है, वो उसे दुनिया को दें, उसे कहा जाता है गुरुमंत्र, कलमा, मैथ्ड ऑफ मेडिटेशन और नाम शब्द। पर ,गुरुमंत्र गुरु का मंत्र नहीं होता, वो मंत्र होता है उसी ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, परमात्मा का।
कहा कि अगर किसी को आदमी या इन्सान कहेंगे तो कोई नहीं उठेगा, लेकिन अगर किसी को उसके नाम से पुकारते हैं तो वह झट से खड़ा हो जाता है। उसी प्रकार आज के युग में, आज के दौर में देवताओं, फरिश्तों को भी लोग मालिक मानने लग जाते हैं, भगवान कहने लग जाते हैं, तो इसलिए उस ओम, अल्लाह ताला, दा सुप्रीम पॉवर, गॉड, हरि, वाहेगुरु, गॉड, इक ओंकार यानि ये सभी एक ही नाम हैं। जोकि अलग-अलग लगते जरूर हैं। यानि वो एक शक्ति का नाम क्या है? उसको बाईनेम पुकारना ही गुरुमंत्र है, कलमा है।