महिला प्रोफेसर की बनाई VIDEO: टॉयलेट में मोबाइल छुपाकर

मुरादाबाद के KGK पीजी कॉलेज में चपरासी की हरकत; आरोपी के पास मिली कई क्लिप

महिला प्रोफेसर की बनाई VIDEO: टॉयलेट में मोबाइल छुपाकर

मुरादाबाद के केजीके पीजी कॉलेज में एक महिला एसोसिएट प्रोफेसर का अश्लील वीडियो बनाए जाने का शर्मनाक मामला सामने आया है। ये वीडियो लेडीज टॉयलेट में छुपाकर रखे गए मोबाइल फोन से शूट किया गया। पुलिस छानबीन में पता चला है कि कॉलेज के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने मोबाइल फोन को चालू करके लेडीज टॉयलेट में छुपा दिया था। बाद में इसी फोन में वीडियो रिकॉर्ड हुई।

एसोसिएट प्रोफेसर को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने पहले कॉलेज प्रबंधन को खबर दी फिर पुलिस के पास पहुंचीं। पुलिस ने कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेश कुमार का मोबाइल फोन चेक किया तो उसमें टॉयलेट में शूट की गई वीडियो मिली है।

इसके बाद पुलिस ने एसोसिएट प्रोफेसर की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मझोला थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपी राजेश कुमार कॉलेज के लॉ डिपार्टमेंट में अंशकालिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात था। पुलिस राजेश की तलाश में छापामारी कर रही है।

चपरासी को लेडीज टॉयलेट से निकलता देख शक हुआ

घटना तीन दिन पुरानी है। एसोसिएट प्रोफेसर ने चपरासी को लेडीज टॉयलेट से निकलते हुए देखा तो उन्हें शक हुआ। टोका तो उसने बहाना बना दिया। इसी आधार पर प्रोफेसर ने लेडीज टॉयलेट यूज करते वक्त उसे सही से चेक किया। 

वहां एक मोबाइल फोन छुपा हुआ मिला। जो चालू हालत में था। मोबाइल को इस तरह सेट किया गया था कि उससे टॉयलेट यूज करने वाले की वीडियो रिकॉर्ड हो सके। मामला पकड़ में आते ही कॉलेज में हड़कंप मच गया।

कॉलेज के लेडीज स्टाफ में दहशत
इस घटना के उजागर होने के बाद से कॉलेज का लेडीज स्टाफ डरा - सहमा और दहशतजदा है। इस बात की भी आशंका है कि चपरासी राजेश कुमार ये गंदा काम पिछले काफी समय से कर रहा था। आशंका है कि उसने एसोसिएट प्रोफेसर के अलावा दूसरे महिला स्टाफ के वीडियो भी शायद शूट किए हों। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राजेश की गिरफ्तारी के बाद उससे कड़ाई से पूछताछ की जाएगी।

इस घटना के बाद ये सवाल भी उठ रहा है कि जब कॉलेज में महिला प्रोफेसर के साथ ऐसी घटना हो सकती है ताे फिर बाकी कौन बच सकता है। छात्राओं के लिए बने टॉयलेट तक तो ऐसी हरकत करने वालों की पहुंच इन हालात में आसानी हाे सकती है। पुलिस भी मामले की गंभीरता से अंजान नहीं है। इसीलिए सीओ सिविल लाइंस डॉ. अनूप कुमार खुद इस मामले की छानबीन कर रहे हैं।