भगवान् के मस्तकाभिषेक में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

भगवान् के मस्तकाभिषेक में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

••वाणी का विलास नहींं, जीवन का निचौड है धर्म :आ अंशुल शास्त्री

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली।बरनावा के श्री चंद्रप्रभ  दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में रविवार को भगवान का मस्तकाभिषेक धूमधाम के साथ भक्तिभाव पूर्वक किया गया ,जिसमें आसपास के जनपदों सहित कई प्रांतों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। 

मस्ताभिषेक सर्वप्रथम सौभाग्य विवेक जैन, विकास जैन, अमित जैन के परिवार को मिला। इसके उपरांत मंदिर में आए सभी श्रद्धालुओं ने क्रमवार भगवान का महाभिषेक किया।इस दौरान कार्यक्रम में चमत्कारी दिव्य शांतिमंत्रों के साथ भगवान के मस्तक पर  विश्वशांति की कामना  के साथ शांतिधारा की गई।अमित जैन ने भगवान का मार्जन किया। मार्जन के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान की भक्ति की। 

विधानाचार्य पं अंशुल जैन शास्त्री ने धर्म सभा में कहा कि, धर्म अभिव्यक्ति नहीं अनुभूति है,धर्म वाणी का विलास नहीं, जीवन का निचोड़ है। धर्म अहिंसा संयम तप है। धर्महीन जीवन बकरी के गले में लगे धन के समान अकार्यकारी है। धर्म आत्मा का जागरण है, तो परमात्मा मार्ग का प्रकाश है। जैसे कोयल और कौवे में एक रंगरुपता होने के उपरांत भी अभिव्यक्ति दोनों की एक नहीं है, हंस और बगुला में भी रंग की एकरूपता है, किंतु दोनों में जमीन-आसमान का अंतर है। एक के अंदर छल कपट माया की कलुषता है। दूसरे के अंदर शांत परिणाम तथा नीर क्षीर को पृथक पृथक करने की सामर्थ्य है। उस धर्म का जागरण होना चाहिए ,जो तुम्हें परमहंस बना दे। 

आयोजन में क्षेत्र अध्यक्ष जीवंधर जैन, महामंत्री पंकज जैन, पवन जैन, भागचंद जैन, संदीप जैन, हंस कुमार जैन, विनेश जैन,प्रवीण जैन,सतेंद्र जैन अशोक जैन, ललित  शास्त्री, नेहा जैन आदि मौजूद रहे।