अलीगढ :- विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना की षष्ठीपूर्ती के समापन के अवसर पर सम्पूर्ण भारतवर्ष में 900 स्थानों पर षष्ठीपूर्ती  समापन व हिन्दू एकत्रीकरण  के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं!

अलीगढ :- विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना की षष्ठीपूर्ती के समापन के अवसर पर सम्पूर्ण भारतवर्ष में 900 स्थानों पर षष्ठीपूर्ती  समापन व हिन्दू एकत्रीकरण  के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं!
अलीगढ :- विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना की षष्ठीपूर्ती के समापन के अवसर पर सम्पूर्ण भारतवर्ष में 900 स्थानों पर षष्ठीपूर्ती  समापन व हिन्दू एकत्रीकरण  के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं!

अलीगढ :- श्रीराम धर्मशाला, रघुवीरपुरी में कार्यक्रम आयोजित गया! जिसमें विहिप केंद्रीय मंत्री व अखिल भारतीय गौरक्षा प्रमुख, दिनेशजी उपाध्याय ने भारतमाता व श्रीराम दरबार पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

बिषय लेते हुए! उन्होंने बताया! कि विश्व हिन्दू परिषद का वर्षों से हिन्दू समाज की सेवा व जागरण करता आ रहा है!
उन्होंने बताया! कि भगवान योगेश्वर  श्रीकृष्ण ने कहा था! कि जब जब धर्म की हानि होगी! मैं आऊंगा! उन्होंने धर्म की स्थापना के लिए विभिन्न युगों में विभिन्न अवतार लिए और सनातनियों को जीवन मार्ग में धर्म के साथ चलना सिखाया, धर्म की रक्षा करना सिखाया।हिंदुओं के सुरक्षा , संस्कार को बचाए रखने वाली संस्था बनने की जब आवश्यकता हुई! तब माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर गुरुजी ने सर्व सनातनी समाज जैन , सिख  संतों के साथ मिलकर विहिप की स्थापना संदीपनी आश्रम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन की।
देश में रह रहे! हिन्दू ही नहीं, विहिप विश्व के समस्त हिंदुओं के हितों की रक्षा , सुरक्षा की चिंता करता है! व इस दिशा में ठोस कार्य करता है!हिन्दू घटा , देश बंटा। के साथ उन्होंने कहा! कि विहिप ने सर्व संत समाज को साथ लेकर धर्मांतरण के विरुद्ध सतत कार्य किया है! जब 1966 में धर्म संसद हुई तो उसमें संत समाज ने निर्णय लिया! कि कोई भी हिन्दू जो घर वापस आना चाहता है! उसका हृदय से स्वागत किया जाएगा!
विहिप कहता है! कि " हिन्दव: सोदरा: सर्वे,न हिंदू पतितो भवेत्"
 मम दीक्षा धर्म रक्षा, मम मंत्र समानता अर्थात, सभी हिन्दू सहोदर हैं! कोई भी हिन्दू कभी पतित नहीं होता।मेरी दीक्षा, हिंदुओं की रक्षा है! मेरा मंत्र समानता है!
सेवा सुरक्षा संस्कार  यह मंत्र प्रत्येक सनातनी को आत्मसात करना चाहिए।सेवा दीन दुखियों की, गौमाता की, सुरक्षा गौवंश की , माता बहनों की , दुर्बलों की। संस्कारों का पालन करेंगे! तो धर्म बचा पाएंगे! साथ ही उन्होंने कहा! कि गाय बचेगी, तो देश बचेगा!
आज पूरा विश्व भारत की ओर बड़ी आशा से देख रहा है!
ऐसे में सर्व हिन्दू समाज को अपने उत्थान, और रक्षा के लिए! सजग और सशक्त  बनाना होगा! तभी हम देश ही नहीं दुनियाँ को दिशा दे पायेंगे।हमें धर्म के मार्ग पर चलना है! क्योंकि जो धर्म से चलेगा , जीत उसीकी होगी!इस अवसर पर मंच पर आचार्य गिर्राज किशोर, महानगर मंत्री मयंक कुमार,मातृशक्ति की विभाग संयोजिका प्रतिमा वार्ष्णेय, प्रमोद गर्ग, अशोक कुमार रहे!वहीं इस अवसर पर विहिप विभाग मंत्री मुकेश राजपूत,प्रान्त प्रचार विभाग सदस्य प्रतीक रघुवंशी, महानगर सेवा प्रमुख अभय आयुर्वेद, महानगर सत्संग प्रमुख ईशान श्रीवास्तव, बजरंगदल से महानगर संयोजक दीपक राजपूत, सह संयोजक अंकुर शिवाजी व करन चौधरी मुख्य रूप से उपस्थित रहे!