साहित्यकार, पत्रकार सहित कई सामाजिक विधाओं में परिपक्व रहे विनोद गौतम को भावभीनी श्रद्धांजलि
गीत ये तेरे नहीं है गान भी तेरा नहीं,
मिल रहा जो मान तुझको
मान भी तेरा नहीं,,
ऐसे कालजयी गीतों के रचयता
बहुमुखी व्यक्तित्व में छुपे एक बेहतरीन इंसान का नाम था - विनोद गौतम
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा एवं पहचान संस्था द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उमड़े गणमान्य
उरई,जालौन। अपने साहित्य सृजन और पत्रकारिता के जरिए सामाजिक जिम्मेदारियां का बखूबी निर्वहन करते हुए गोलोक वासी विनोद गौतम भले ही अब देह स्वरूप इस संसार में नहीं हो पर जिस तरह से वह अपनी विविध आत्मिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इस जगत में अपने कर्मों से जो निशान पीछे छोड़ गए हैं वह लोगों के संघर्ष मय जीवन के साथ समाज के प्रति समर्पण और प्रेम की भावना को दर्शाता है। यही वह वास्तविक पूंजी रही कि रविवार को जब उनकी याद में साहित्य पत्रकारिता और विविध क्षेत्रों से जुड़े लोग नगर के सिटी लाइफ स्कूल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे तो सभी ने द्रवित हृदय से उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए किसी ने उनकी सरलता सहजता तो किसी ने उनके गीतों को गुनगुना कर अंतरकरण से साहित्य प्रेमी गौतम जी के प्रति अपने उदगार व्यक्त किए। उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के अध्यक्ष डॉ अनुज भदोरिया और पहचान संस्था के अध्यक्ष सभा के संयोजक सुप्रसिद्ध शायर शफीकुर्रहमान कशफी के संयोजन में आयोजित सभा में सर्वप्रथम लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी इसी क्रम में सभी ने उनके जीवन से संबंधित संस्मरण और उनके साथ बिताए लम्हों के एहसास साझा किए। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार पंडित यज्ञदत्त त्रिपाठी ने कहा कि विनोद गौतम ने साहित्य को जिया है वह पत्रकारिता के मूल्यों को भी बहुत अच्छे से समझते थे वह बहुमुखी व्यक्तित्व के भीतर छुपे एक बेहतरीन इंसान थे वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम नारायण दीक्षित ने विनोद गौतम को नाम के अनुरूप हमेशा हंसते मुस्कुराते सरल और विनोदी स्वभाव में जीवन की जटिलताओं और संघर्षों को सहर्ष स्वीकार करने वाले सच्चे इंसान के रूप में बतलाया इस दौरान विचारक देवेन्द्र शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा ने कहा कि साहित्यकार विनोद गौतम ने अपनी कलम को साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में पूरी निष्ठा के साथ समर्पित कर जीवन जिया है जो कि हम सबके लिए प्रेरणादायक है।
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के समनवयक गिरधर खरे, कवित्री डॉ. माया सिंह माया कवित्री एवं चिकित्सक डॉ रेनू चंद्रा, संस्कृत विद्वान राम शंकर गौड़, विमल तिवारी विमल पत्रकार एवं साहित्यकार संजय शर्मा राघवेंद्र कनकने, श्याम बहादुर श्रीवास्तव पुष्पेंद्र पुष्प, प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम सीता खरे ,ब्रह्मानंद खरे ,शिखा गर्ग, प्रियंका शर्मा, शिरोमणि सोनी गरिमा पाठक, कृष्ण न्यूज़ के संपादक सिद्धार्थ त्रिपाठी, शत्रुघ्न सिंह वीरेंद्र तिवारी, अभिषेक सरल, दिव्यांशु दिव्य, ब्रह्म प्रकाश दीपक,ने स्वर्गीय विनोद गौतम को काव्यात्मक गीत गज़लों मुक्तकों से याद किया इस मौके पर उनके पुत्र आशीष गौतम, पुत्रवधू प्रतीक्षा कारोलिया के अलावा गणमान्य लोगों में देवेंद्र शुक्ला ,आदित्य सर जी ,डॉ. अंकुर शुक्ला संगीतकार मिर्जा साबिर बेग ,शांति स्वरूप माहेश्वरी, युद्धवीर कंथारिया, लक्ष्मण दास बाबानी, जयशंकर द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार राजेश द्विवेदी ,श्याम नारायण शर्मा, सुनील श्रीवास्तव ,चंद्र प्रकाश, अनुराग शुक्ला, सूरज सिंह, अशोक नीखरा, विद्यालय के प्रबंधक ताचल जी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।