चंद्रप्रभ भगवान का महा मस्तकाभिषेक धूमधाम से संपन्न

चंद्रप्रभ भगवान का महा मस्तकाभिषेक धूमधाम से संपन्न

••आयोजन में उमडी श्रद्धालुओं की भीड़

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली। बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में रविवार को चंद्रप्रभ भगवान का महा मस्तकाभिषेक धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर हुए विधान में श्रद्धालुओं ने अर्घ्य समर्पित किए। 

आयोजन में कलश से अभिषेक विनेश जैन,प्रथम शांतिधारा अनिल जैन एवं प्रथम आरती आलोक जैन ने की ,जबकि दूसरी शांतिधारा करने का सौभाग्य कुणाल जैन, संभव जैन व यश जैन ने पाया।वहीं सभी श्रद्धालुओं ने क्रमवार भगवान का मंत्रोच्चार के साथ मस्तकाभिषेक किया। नरेश जैन, वैभव जैन व लक्ष्य जैन ने भगवान का मार्जन किया। इस अवसर पर विश्व शांति हेतु विशेष बृहत् शांतिधारा भी की गई। 

पं अंकित जैन शास्त्री के निर्देशन में हुए विधान में श्रद्धालुओं ने 72 श्रीफल भी समर्पित किए। विधान आचार्य ने कहा कि, आत्मा सुख स्वरूप है। कर्म के उदय के संयोग से होने वाले जो सुख दुख हैं, वे जीव के स्वरूप नही हैं,बल्कि कर्म की उपाधियां हैं। शुद्ध स्वरूप का ऐसा अनुभव रूप स्वाद आने पर जीव प्रत्यक्ष रूप से जानता है। राग, द्वेष, मोह, सुख, दुख इत्यादि जितने भी अवस्था भेद हैं, वे कोई भी जीव का अपना स्वरूप नहीं है, उपाधि रूप हैं। आयोजन में अध्यक्ष जीवंधर जैन, पंकज जैन, रजनीश जैन, पवन जैन, संदीप जैन, अशोक जैन, प्रबंधक लोकेश जैन, मुकेश जैन, राकेश जैन आदि मौजूद रहे।