भौतिक सुख हेतु किया दुराचार, पापाचार और भ्रष्टाचार ही नारकीय जीवन का हेतु:अतुल कृष्ण भारद्वाज

भौतिक सुख हेतु किया दुराचार, पापाचार और भ्रष्टाचार ही नारकीय जीवन का हेतु:अतुल कृष्ण भारद्वाज

••रामकथा के दूसरे दिन आए मेरठ, गाजियाबाद जनपदो से भी श्रद्धालु श्रोतागण

संवाददाता संजीव शर्मा

बालैनी।पुरा महादेव गांव स्थित प्राचीन व प्रसिद्ध परशुराम खेड़ा धाम पर चल रही सात दिवसीय श्री रामकथा के दूसरे दिन कथावाचक आचार्य अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि, इस कलियुग मे राम नाम एवं सत्संग ही मोक्ष का आधार है।

अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त संत एवं कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने श्रीराम कथा के दूसरे दिन स्वर्ग और नरक की व्याख्या करते हुए कहा कि, मनुष्य जब अपने भौतिक सुख हेतु दुराचार, पापाचार, भ्रष्टाचार मे लिप्त हो जाता है, तो उसे नारकीय जीवन यापन करना पड़ता है और वह परमात्मा तक नहींं पहुँच पाता , जिससे बार बार जीवन मरण की लीला मे भटकता रहता है। कहा कि इस कलियुग मे श्रीमद्भागवत एवं श्री रामचरित मानस रूपी गंगा ही प्राणी को इस भवसागर से पार कराकर आत्मा को परमात्मा से मिलन करा सकती है। यानि स्वर्ग की प्राप्ति संभव है, इस कलियुग मे केवल राम नाम एवं सत्संग ही मोक्षाधार है। 

इस दौरान सुरजमुनि महाराज, देवमुनि, डॉ एसपी यादव, विजय शर्मा, ब्राह्मण महासभा के प्रदेश संरक्षक राजपाल शर्मा, रविदत्त शर्मा, शिवमोहन भारद्वाज, ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा, गिरीश, तेजपाल प्रधान, घनश्याम शर्मा आदि मौजूद रहे।