भगवान् की साधना में नहीं होता जात- पांत का भेद : अतुल कृष्ण भारद्वाज

भगवान् की साधना में नहीं होता जात- पांत का भेद : अतुल कृष्ण भारद्वाज

संवाददाता संजीव शर्मा

बालैनी।पुरा महादेव गांव स्थित परशुराम खेड़ा मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्री रामकथा के छठे दिन कथावाचक ने कहा कि जो दूसरो की सेवा मे लगे रहता है उसकी चिंता स्वयं भगवान करते हैं। 

कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने जटायु के प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि, जो दूसरो की सेवा में लगा रहता है उसकी चिंता स्वयं भगवान करते हैं। भगवान श्रीराम ने शबरी के झूठे बेर खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया था,जबकि वह जानते थे कि,वह भीलनी जाति की है।भगवान की साधना में जात-पात का भेदभाव नहीं होता है।कहा कि, अधर्म कितना भी मजबूत क्यों न हो, लेकिन अंत मे उसे पराजित होना पड़ता है और धर्म की हमेशा जीत होती है। 

इस दौरान दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री चौधरी यशवीर, सुरजमुनि, देवमुनि, डॉ एसपी यादव, राधेश्याम शर्मा, दौलतराम भारद्वाज, आदेश फौजी, दिनेश शर्मा, विजय शर्मा आदि मौजूद रहे।