आयुर्वेद चिकित्सक एलोपैथिक में कर रहा था इलाज मौके पर पकड़ा
आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी की जांच में शिकायत मिली सही
आयुर्वेद चिकित्सक एलोपैथिक में कर रहा था इलाज मौके पर पकड़ा
मुख्यमंत्री से की गई थी दूसरे चिकित्सकों की डिग्री पर रजिस्ट्रेशन कर फर्जीवाड़े की शिकायत
आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी की जांच में शिकायत मिली सही
दोबारा शिकायत मिलने पर रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की चेतावनी
थानाभवन- आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी द्वारा अस्पताल में जांच करने पर मुख्यमंत्री से की गई शिकायत सच साबित हुई। जिसमें आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सक के अस्पताल में महिला मरीज भर्ती पाई गई। जिसका वह स्वयं ही एलोपैथिक पद्धति से उपचार करता पाया गया। आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने नोटिस देकर दोबारा पकड़े जाने पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी दी है।
शामली जनपद के थानाभवन में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और मिली भगत के कारण आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इसके चलते फर्जीवाड़े से चल रहे अस्पतालों में कई लोगों की जान जा चुकी है। पूर्व में महिला के पेट में तौलिया छोड़ने वाले प्रकरण को लेकर विवादों में घिरे अस्पताल संचालक की मुख्यमंत्री पोर्टल पर कस्बा निवासी सुशील कुमार ने 16 सितंबर 2024 को शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि उक्त अस्पताल संचालक बीएएमएस चिकित्सक है जो अपने चिकित्सा अभ्यास (आयुर्वेदिक एवं यूनानी) पद्धति के अलावा दूसरे अन्य चिकित्सकों के नाम पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन लेकर खुद ही मरीजों का इलाज करता है।अस्पताल में बच्चो की नर्सरी,मेडिकल स्टोर,बेसमेंट में चिकित्सा गतिविधियां,महिलाओं की डिलीवरी आदि की जाती है। जिससे मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जांच कर कार्रवाई की जाए। इस संबंध में आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी इसम पाल ने अस्पताल में जांच के लिए टीम भेजी। जांच टीम ने जब अस्पताल का शिकायत के आधार पर निरीक्षण किया तो निरीक्षण के समय अस्पताल में एक महिला मरीज भर्ती थी। जिसका एलोपैथिक पद्धति से आयुर्वेदिक चिकित्सक अस्पताल संचालक के द्वारा इलाज किया जा रहा था। जिन चिकित्सकों का अस्पताल में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। उक्त चिकित्सक अस्पताल में मौजूद नहीं मिले। जांच अधिकारी ने उक्त चिकित्सकों को फोन पर भी संपर्क किया, लेकिन फोन नहीं उठाया गया। मौके पर पकड़े जाने पर जांच अधिकारी ने अस्पताल के बाहर ड्रग मैजिक एक्ट के अनुसार बोर्ड लगाने के आदेश दिए एवं अस्पताल संचालक को चेतावनी नोटिस दिया कि अगर अपने चिकित्सा अभ्यास के अलावा अन्य चिकित्सा अभ्यास में दोबारा उपचार करते पाए गए तो चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। हालांकि हैरत की बात तो यह है कि जब शिकायतकर्ता की शिकायत जांच में सही पाई गई तो उक्त चिकित्सक पर कार्रवाई के बजाय केवल नोटिस देकर खाना पूर्ति की गई। वही शामली सीएमओ द्वारा अस्पताल में फर्जीवाड़े से ऐसे चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन किया गया है जो अस्पताल में उपस्थित नहीं रहते। शामली से सीएमओ द्वारा कभी यह जांच करने की जहमत नहीं उठाई गई की अस्पताल में रजिस्ट्रेशन के नाम पर नियम विरुद्ध उपचार किया जा रहे हैं। जबकि निवर्तमान जिला अधिकारी रविन्द्र सिंह के द्वारा भी तोलिया प्रकरण में शामली सीएमओ को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। जिस पर अभी तक भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।