खतौनी में विरासत नाम दर्ज कराए जाने के लिए शासन ने 16 अगस्त 2024 से 16 अक्टूबर 2024 तक चलाया विशेष अभियान

खतौनी में विरासत नाम दर्ज कराए जाने के लिए शासन ने 16 अगस्त 2024 से 16 अक्टूबर 2024 तक चलाया विशेष अभियान

जिलाधिकारी ने चौहल्दा पहुंचकर खतौनी रजिस्टर का किया सत्यापन

मृतक के वारिस का खतौनी में नाम दर्ज करने के लिए 16 अगस्त से 16 अक्तूबर तक शुरू हुआ विशेष अभियान

••विरासत के आधार पर नाम दर्ज करने के लिए गांव में जाएं लेखपाल: जिलाधिकारी

••गांव चौहल्दा पहुंचकर जिलाधिकारी ने किया खतौनी रजिस्टर का सत्यापन

संवाददाता नीतीश कौशिक

बागपत। प्रदेश सरकार के मुख्य कार्यक्रम निर्विवाद विरासत खतौनी दर्ज करने के लिये विशेष अभियान 16 अगस्त 2024 से 16 अक्टूबर 2024 तक शुरू किया गया है, जिसके क्रम में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज गांव चौहल्दा पहुंचकर अभियान की शुरुआत की और खतौनी रजिस्टर का सत्यापन भी किया। उन्होंने कहा , जिनकी विरासत खतौनी में दर्ज नहीं हुई है ,उनके नाम दर्ज कराए जाने के लिए यह विशेष अभियान सरकार की मुख्य प्राथमिकता में से एक है। 

जिलाधिकारी ने बताया कि, इस अभियान के अंतर्गत जो भी खतौनी में त्रुटियां हैं उनका शुद्धिकरण व मृतक के परिजनों के विरासत के आधार पर खतौनी में नाम दर्ज अवश्य हो जाने चाहिएं, इसमें किसी भी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि संबंधित लेखपाल , राजस्व निरीक्षक ,नायब तहसीलदार , तहसीलदार संबंधित एसडीएम आदि गांव में पहुंचकर खतौनी पढ़ेंगे और जो कमियां दिखाई देंगी उनका तत्काल निस्तारण करेंगे । मृतक के परिजन को विरासत दर्ज कराए जाने के लिए तहसील के चक्कर लगाने ना पड़ें, इस अभियान के अंतर्गत जनपद में शत प्रतिशत वारिस का नाम खतौनी में अवश्य दर्ज हो जाए।

बताया कि वारिस वह व्यक्ति होता है जिसे मृतक की संपत्ति विरासत में मिलती है, जबकि कोई वसीयत या वसीयतनामा नहीं बनाया गया है। लाभार्थी वह व्यक्ति होता है, जिसे मृतक ने अपनी संपत्ति विरासत में पाने के लिए चुना था।जिलाधिकारी ने समस्त राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि विरासत संबंधित किसी भी कार्य में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए, जनता को इसका लाभ मिले जनता को अनावश्यक रूप से सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने ना पड़े। 

जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की है कि, अभी भी अगर किसी की विरासत दर्ज नहीं हुई है, वह कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करा सकते हैं या अपने संबंधित लेखपाल को मृत्यु प्रमाण पत्र, वारिशों के आधार कार्ड, फर्द आदि उपलब्ध करा सकते हैं।राजस्व विभाग की टीम को सख्त निर्देश हैं कि निर्विवाद स्थिति में मृतक के परिजन का नाम खतौनी में 15 दिन के अंदर दर्ज हो जाना चाहिए ,जिससे कि किसी को खतौनी का नाम चढ़ाए जाने के लिए परेशान नहीं होना पड़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि लेखपाल गांव में पैनी नजर बनाए रखें ,जिसका जो मामला है उसे त्वरित गति से नियम संगत दर्ज करें ,जिससे कि आम जनमानस को समस्या ना हो और तहसील के अधिकारी अच्छा सुपर विजन करते रहें और गांव में पहुंचे।

इस अवसर पर एसडीएम बागपत अविनाश त्रिपाठी ,तहसीलदार अनिता ,लेखपाल सुंदरलाल उपस्थित रहे।