भक्ति की गंगा व श्रावक संयम साधना संस्कार शिविर व भक्तामर विधान

भक्ति की गंगा व श्रावक संयम साधना संस्कार शिविर व भक्तामर विधान

••उमडी जैन श्रद्धालुओं की भारी भीड़, उत्तम मार्दव धर्म की पूजन की 

संवाददाता आशीष चंद्रमौली

बडौत।चर्या शिरोमणि दिगंबर जैन मुनि विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में,श्रावक संयम साधना संस्कार शिविर के दूसरे दिन 1008 जैन श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से महावीर भगवान का पूजन किया तथा उत्तम मार्दव धर्म अपनाया। 

   

पं कमल कुमार कमलंकुर व पं श्रेयांस जैन के निर्देशन में सुबह सौधर्म इंद्र सुनील कुमार द्वारा जिनेंद्र भगवान की प्रतिमा का गर्म प्रासुक जल से अभिषेक किया ,शांतिधारा का सौभाग्य मुकेश जैन पूर्व सभासद और राजीव जैन मोंटी को प्राप्त हुआ। आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन अंकित कुमार जैन द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट उषा जैन निपुण जैन गुरुग्राम द्वारा किया गया।

     

शिविर मे सुबह 5 बजे से चली दिनचर्या के प्रति श्रद्धालुओं मे विशेष उत्साह दिखाई दिया। इस दौरान ध्यान, योग, अभिषेक, पूजन आदि नियमित रूप से धार्मिक क्रियाए आचार्य संघ के निर्देशन में हुई। संगीतकार नंदन जैन मध्य प्रदेश के सुंदर भजन भी मुग्ध करते रहे।प्रवचन के बाद सामयिक तत्वार्थ सूत्र प्रवचन व प्रतिक्रमण हुए। शाम को आचार्य भक्ति और आरती के साथ शिविर के दूसरे दिन का समापन हुआ। शिविर में धनेंद्र जैन, सुदेश , अरविंद मुन्ना सर्राफ प्रदीप, मुकेश, राजकुमार, धनपाल, अजय, कमल, धनकुमार , सुनील , पवन, आनंद, अमित, अंकुर, सुरेंद्र , अतुल जैन आदि उपस्थित थे। 

    

दूसरी ओर श्री अजितनाथ मन्दिर मंडी में आज भक्तामर विधान का आयोजन किया गया। जिसके सौधर्म इंद्र सुनील जैन गौरव जैन रहे ।पं रजनीश शास्त्री द्वारा दसलक्षण धर्म, सोलह कारण और भक्तामर विधान का पूजन भक्ति भाव से कराया गया ।