पुलिस, प्रशासन और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से यमुना घाट पर निर्विघ्न संपन्न हुआ पूर्णिमा स्नान पर्व

पुलिस, प्रशासन और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से यमुना घाट पर निर्विघ्न संपन्न हुआ पूर्णिमा स्नान पर्व

संवाददाता मो जावेद

छपरौली । यमुना घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ ने आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य लाभ कमाया, इनमें उन महिलाओं की संख्या सर्वाधिक रही , जिन्होंने पूरे कार्तिक माह में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान, पूजन और माहत्म्य पढा व तुलसी के आगे दीप जलाकर आरती उतारी। 

रविवार को यमुना घाट पर सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओ का आना शुरू हो गया था। देखते ही देखते यहां पर पूरा जनसैलाब उमड़ने लगा । इस दौरान यमुना घाट पर लोगों ने जगह जगह भंडारे भी लगा रखे थे। छोटे छोटे बच्चे ऊंट पर सवारी करते हुए नजर आए। वहीं यमुना घाट पर पुलिस प्रशासन का भी विशेष सहयोग रहा । घाट पर हर तरफ पुलिस मौजूद रही । डॉक्टरो की टीम भी कैम्प लगाकर मौजूद रही। वहीं क्षेत्र के आसपास के गांवों के श्रद्धालु ट्रैक्टर ट्राली व बुग्गी आदि संसाधनों से हजारों की संख्या में यमुना घाट पर नहाने के लिए पहुंचे।

लोगों का मानना है कि, इस पर्व को देव दीपावली कहते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु ने पहला अवतार मत्स्य यानी मछली के रूप में लिया था। उस समय जब जल प्रलय आया था, तब मत्स्य अवतार ने ही पूरी सृष्टि की रक्षा की थी। कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक देव जी की जयंती भी मनाई जाती है।

माना जाता है कि ,इस तिथि पर शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था, इस कारण इस तिथि को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली कहा जाता है। मान्यता है कि, इस तिथि पर सभी देवता दीपोत्सव मनाते हैं।इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। सूर्यास्त के बाद पवित्र नदियों में दीपदान किया जाता है। नदी की पूजा, आरती की जाती है। मान्यता है कि,इस पर्व पर हवन और दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य मिलता है।