रालोद और एनडीए के एकसाथ आने की घोषणा में देरी के चलते चुनावी दावेदारों की गतिविधियां प्रभावित

रालोद और एनडीए के एकसाथ आने की घोषणा में देरी के चलते चुनावी दावेदारों की गतिविधियां प्रभावित

•• मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित सांसद डॉ सत्यपाल सिंह का एक कार्यक्रम में न आना बना चर्चा का विषय
•• भाजपा टिकट के दूसरे दावेदार इंजी रामबीर सिंह भी एक सप्ताह से क्षेत्र से रहे नदारद, अब 21 से शुरू करेंगे जनसंपर्क
•• सपा व‌ कांग्रेस में अभी सीटों का बंटवारा नहींं, बसपा द्वारा स्थिति पर पैनी नजर

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बागपत। रालोद के एनडीए का हिस्सा बनने की भले ही औपचारिक घोषणा न हुई हो, लेकिन भाजपा सांसद डॉ सत्यपाल सिंह की गतिविधियां सहसा कम होती नजर आ रही हैं, आज भी एक बडे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उनकी गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। वहीं लगातार अपनी मौजूदगी दिखाने वाले तथा भाजपा टिकट की मजबूत दावेदारी करने वाले इंजी रामबीर सिंह भी लगभग एक सप्ताह से क्षेत्र में किसी कार्यक्रम में शामिल नहींं हुए हैं। 

सांसद डॉ सत्यपाल सिंह की बात करें तो, शायद ही ऐसा कोई दिन गया हो, जब क्षेत्र के विकास, योजना, कार्यक्रम अथवा समारोह में उनकी मौजूदगी न रही हो। विकास योजनाओं को दिलोजान से धरातल पर लाने, समय से पूरा कराने व सिस्टमेटिक तरीके से विभाग, निर्माण इकाई और प्रशासन से तालमेल के चलते जनपद में तेजी से वह सब दिख रहा था, जिसे लोग देखना चाहते थे। छपरौली के यमुना ब्रिज को चालू कराने, मैडिकल कालेज निर्माण, बागपत का बस अड्डा, बडागांव के लिए ईपीई पर कट के लिए जहां डॉ सत्यपाल सिंह तेजी से प्रयास कर रहे थे, वहीं अब लगता है कि, उनकी सक्रियता कम होने से निर्माण एजेंसी तथा विभागों में भी उदासीनता सी झलकने लगी है। 

बागपत से लोकसभा टिकट के लिए भागदौड़ करने के लिए भाजपाई इंजी रामबीर सिंह एकाएक क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीटों के सैकड़ों गांवों में छा गए और बडी जनसभाएं कर हाईकमान तक सुखद संदेश देने के बावजूद रालोद की चाल से अपनी गतिविधियों को कुछ विराम देते हुए दिखाई दिए। अब उन्होंने 21 फरवरी से पुनः क्षेत्र में कार्यक्रम की घोषणा जरूर की है। 

रालोद और एनडीए के गठबंधन के चलते कांग्रेस और सपा में सीटों का बंटवारे की असमंजस पूर्ण स्थिति अभी भी बनी हुई है। सपा सूत्रों ने बताया कि, यदि बागपत लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में आती है, तो सपा सुप्रीम द्वारा सुझाए गए प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा जाएगा। सपा जिलाध्यक्ष रवींद्र देव ने बताया कि, उनकी तैयारी पूरी है बस,हाईकमान के निर्देश का इंतजार है। 

बिना किसी प्रचार के चुनावी परिदृश्य को देख रही बसपा द्वारा सपा अथवा कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा होते ही जातिगत समीकरणों के मद्देनजर जिताऊ उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा।