विश्व कल्याण की भावना से लिखे अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश के लिए महर्षि दयानंद सदैव वंदनीय: देवेंद्र आर्य

विश्व कल्याण की भावना से लिखे अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश के लिए महर्षि दयानंद सदैव वंदनीय: देवेंद्र आर्य

संवाददाता नीतीश कौशिक

बागपत | महान समाज सुधारक व आर्य समाज के संस्थापक युग प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200 वें जन्मदिन के मौके पर यज्ञ व विचार गोष्ठी का आयोजन कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया तथा उनके बताये मार्ग पर अधिक दृढता से चलने का संकल्प व वैदिक सिद्धांतों का प्रचार प्रसार करने का अह्वान किया गया।

भारतीय  स्वतन्त्रता आन्दोलन के महानायक  युग पुरुष महर्षि दयानन्द सरस्वती के जन्मोत्सव पर राष्ट्र वन्दना मिशन के जिला संयोजक वरिष्ठ अधिवक्ता देवेन्द्र आर्य द्वारा विशेष यज्ञ का आयोजन किया गया। वैदिक मन्त्रों से आहुति देते हुए राष्ट्र की सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की गई। 

श्री आर्य ने कहा कि ,महर्षि दयानन्द सरस्वती सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत थे। समाज में व्याप्त कुरीतियों  के उन्मूलन के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है। वे गुरूकुलीय शिक्षा व नारी जाति के उन्नायक तथा राष्ट्र भाषा हिन्दी व संस्कृत के उत्थान के पक्षधर रहे | कहा कि, विश्व कल्याण के लिए अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश की रचना कर उन्होंने बहुत बडा परोपकारी कार्य किया है।