एसीएफ अभियान में खोजे जा रहे हैं टीबी के मरीज ,जनपद में 3 मार्च तक चलेगा विशेष अभियान : डा यशबीर सिंह

एसीएफ अभियान में खोजे जा रहे हैं टीबी के मरीज ,जनपद में 3 मार्च तक चलेगा विशेष अभियान : डा यशबीर सिंह

••लक्षणों की न हो अनदेखी, प्रभावित व्यक्ति छींक, बलगम, खांसी आदि का अन्यों पर भी असर संभव

संवाददाता नीतीश कौशिक

खेकड़ा | बागपत जनपद में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक्टिव केस खोजो अभियान 3 मार्च तक चलेगा। अभियान के दौरान लगातार टीबी के मरीज खोजने में जुटा स्वास्थ्य विभाग | किया जा रहा है मरीजों को पंजीकरण के साथ ही कर गुणवत्तापूर्ण इलाज ।

बता दें कि,देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का केंद्र सरकार का संकल्प है। अभियान के दौरान घर पहुंचने वाली टीम को सहयोग कर देश को टीबी मुक्त बनाने में भागीदारी निभाने की समुदाय से अपील की जा रही है। डिप्टी सीएमओ डा यशवीर सिंह ने बताया कि, इस बार एसीएफ दो चरणों में चलेगा। पहले चरण में कारागार, नवोदय विद्यालय, वृद्धाश्रम, आवासीय विद्यालयों आदि में टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग के बाद अब 3 मार्च तक स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान करेंगी। इस दौरान जिनमें लक्षण पाए जाएंगे, उनकी जांच कराई जाएगी। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वे टीम लक्षण वाले व्यक्ति का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी। पॉजिटिव पाए जाने पर दो दिन में उपचार शुरू कराया जाएगा। रोग की पुष्टि होने पर सर्वे टीम को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि , गतवर्ष 9 से16 मार्च तक एसीएफ चला था। इसमें स्क्रीनिंग में रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर दवा शुरू कराई गई थी।

डा यशबीर सिंह ने बताया कि, विभाग द्वारा चयनित क्षेत्र थल, बिजरौल, कासिमपुर खेडी, हिलवाडी, बडका  औसिक्का, बरनावा, शेखपुरा, शहाजहांपुर, पिचोखरा, जिवाना, दरकावदा, कमाला, निरपुडा, बामनौली, दाहा, पलडा पलडी, बोपरा, पुसार, आदमपुर कान्हाड, मीतली, धनौरा हमीदाबाद, चौहल्दा, महनवा, काठा, मवीकलां, ललियाना, हरचंदपुर, सांकरौद, फिरोजपुर, लुहारा, तिलपनी, बरसिया, पुरा महादेव, सलावतपुर खेडी, सांकल पुटटी, दत्त नगर, पिलाना, रोशनगढ, पांची, बिलौचपुरा, बसौद, गौसपुर, डौला, खेकड़ा की शेखपुरा, जमाईपुरा, विजयनगर बस्ती शामिल हैं |

उन्होंने बताया कि, दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे अथवा ऐसा बुखार रहता हो ,जो शाम को बढ़ जाता है या फिर सीने में दर्द रहता हो।
बलगम  के साथ खून आ रहा हो ,भूख न लगे और वजन घट रहा हो ऐसे लक्षण होने पर व्यक्ति स्वयं भी आए औरसावधानी पूर्वक इलाज कराए |

डीटीओ डा यशवीर सिंह ने बताया कि टीबी माइक्रो बैक्टीरिया, ट्यूबर क्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है। मुख्य रूप से यह रोग फेफड़े में होता है, लेकिन शरीर के अन्य अंग जैसे दिमाग, हड्डी , ग्रंन्थियों व आंत में भी रोग हो सकता है। टीबी रोगी के खांसी, छींकने, इधर-उधर खुली जगह पर बलगम थूकने से दूसरे व्यक्ति को भी रोग हो सकता है, इसलिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है।