पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव के बावजूद हमारी प्राचीन ऋषि संस्कृति अक्षुण्ण और बेमिसाल :स्वामी कर्मवीर

पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव के बावजूद हमारी प्राचीन ऋषि संस्कृति अक्षुण्ण और बेमिसाल :स्वामी कर्मवीर

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली |दादरी के फूल सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय में सोमवार को राष्ट्र कल्याण स्वस्ति यज्ञ का आयोजन हुआ ,जिसमें आसपास के गांवों से आए सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुति देकर मानव कल्याण की कामना की। 

चौ कटार सिंह की स्मृति में हुए यज्ञ के ब्रह्मा योगऋषि स्वामी कर्मवीर ने वेदोपदेश देते हुए कहा कि ,पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव से समाज में तमाम बुराइयां पनप रही हैं। कहा कि,हमारी प्राचीन ऋषि संस्कृति वर्तमान परिवेश में भी बेमिसाल है। संस्कार और संस्कृति को आत्मसात् करने पर ही राष्ट्र उन्नत हो सकता है।

 उन्होंने युवा पीढ़ी को नशे व अपराध से बचाने के लिए सबको प्रयास करने का आह्वान किया। पं सांजेश्वर, रालोद प्रांतीय सचिव धीरज उज्ज्वल, सुखबीर सिंह, ओमपाल सिंह, कंवल सिंह, राजू तोमर सिरसली, जयवीर, राजेंद्र राठी, यशबीर, रणबीर सिंह, सचिन पंडित आदि मौजूद रहे।