वेद सृष्टि का संविधान, इनका सम्मान और अनुपालन हमारा प्रथम कर्तव्य:आचार्य ओम व्रत आर्य

वेद सृष्टि का संविधान, इनका सम्मान और अनुपालन हमारा प्रथम कर्तव्य:आचार्य ओम व्रत आर्य

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

शबगा / बागपत।आर्य समाज शबगा का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव यज्ञ, प्रवचन एवं भजनों के द्वारा संपन्न हुआ।यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य ओम व्रत ने कहा वेद सृष्टि का संविधान है, इसका सम्मान और अनुपालन हमारा प्रथम कर्तव्य है। 

आचार्य ओम व्रत ने कहा,प्राचीन काल से भारत में वेदों के अध्ययन और व्याख्या की परंपरा रही है। वेदों में किसी के किस्से कहानी नहीं है, बल्कि संसार के कल्याण का ज्ञान है। भजन उपदेशक तिरसपाल आर्य ने कहा, जो बालक पितृ यज्ञ करता है वह बालक संसार में सुखी रह सकता है। उन्होंने समाज में फैली बुराइयों से बच्चों को सावधान रहने की प्रेरणा दी। जो माता-पिता को प्रसन्न रखेगा वह सदैव सुखों की प्राप्ति करेगा। 

कार्यक्रम में आर्यन पब्लिक स्कूल के बच्चों ने योग एवं व्यायाम का प्रदर्शन कर युवाओं को शक्ति संचय का संदेश दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय आर्य वीर दल के अध्यक्ष धर्मवीर आर्य, भोले सिंह त्यागी, आचार्य संजीव आर्य,अधिष्ठाता रवि शास्त्री, राकेश, आनंदपाल आर्य, मा रामपाल सिंह, डॉ कृष्णपाल,प्रवीण आर्य, सुधीर आर्य, विनय आर्य ,चंद्रपाल आर्य, दीपक आर्य ,वेदपाल पंवार एडवोकेट आदि का सहयोग रहा।