बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की-कड़ी फटकार

बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की-कड़ी फटकार

नई दिल्ली। आयुर्वेद के नाम से हजारों करोड़ का कारोबार खड़ा करने वाले योगगुरु के नाम से विख्यात बाबा रामदेव को उस समय जोर का झटका लगा जब उन्हें देश की बड़ी अदालत ने न सिर्फ जमकर हड़काया बल्कि अपने कारोबार को देश सेवा बताने पर भी तल्ख टिप्पणी करते हुए भविष्य में परिणाम भुगतने को तैयार रहने का अल्टिमेटम भी दिया। एक मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि 'देश सेवा का बहाना मत बनाओ रामदेव.. अदालत को गंभीरता से लो' पतंजलि के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि आपका माफी मांगना पर्याप्त नहीं है। आप परिणाम के लिए तैयार हो जाए। आपने कोर्ट में सिर्फ एक हलफनामा दिया जबकि कंपनी, एमडी से हलफनामे के लिए कहा गया था आप लोगों ने एक्ट का उल्लंघन किया है। बताते है कि जब-जब पतंजलि में बनने वाले प्रोडक्ट की जांच हुई तब तब वह खराब पाया गया हालांकि प्रोडक्ट बेचने में विज्ञापन के जरिए ही सही मीडिया का भी बड़ा योगदान रहा जिस कारण बाबा जी धंधा दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ा, लेकिन बड़ी अदालत ने बीते दिनों जहां बेबी फूड को लेकर पतंजलि को

कटघरे में खड़ा किया वहीं अब बाबा ने सुप्रीम कोर्ट में भी आपनी चलाई तो फिर बड़ी अदालत को कड़ा रुख अख्तियार करना पड़ा बाबा रामदेव अब बड़ी अदालत के गुस्से से बच पाएंगे कहना मुश्किल है। बीते दिनों जहां पतंजलि का देशी घी फेल हो चुका है वहीं अधिकांश प्रोजेक्ट घटिया किस्म के पाएं जा चुके हैं यानी बाबा के खेल को देशवासी देर से ही सही परंतु समझने लगे हैं।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्णी

ऐसा लगता है कि पतंजलि के कार्यकलापों में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों शामिल हैं। केंद्र सरकार को बताना होगा कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि, कोर्ट के आदेश के बावजूद भ्रामक और गलत दावे करती रही और सरकार ने आंखें बंद कर ली थी। आयुष मंत्रालय को जवाब देना होगा।

66 दवाओं प्रचार जारी रखने के मामले में पतंजलि के हलफनामे पर एससी ने असंतोष जताया। रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में रहे मौजूद। अवमानना का मुकदमा चलाने की चेतावनी देते हुए एससी ने दोनों को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का अंतिम मौका दिया। 10 अप्रैल को सुनवाई।