सपा नेता ने दी खुलेआम मंत्री को जिंदा जलाने कि धमकी पुलिस ने किया केस दर्ज

सपा नेता ने दी खुलेआम  मंत्री को जिंदा जलाने कि धमकी पुलिस ने किया केस दर्ज

मेरठ। नगर निगम की बोर्ड बैठक में सपा और बसपा पार्षदों के साथ हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को कलक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे अखिलेश सरकार में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति वित्तीय विकास निगम के उपाध्यक्ष रहे मुकेश सिद्धार्थ ने खुलेआम धमकी दी कि कार्रवाई न होने पर वह ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर, उनके वाहन और घर को आग लगा देंगे। वह यहीं नहीं थमे, शहर को भी फूंकने की धमकी दे डाली।

पुलिस अफसरों पर भी अमर्यादित टिप्पणी

मुकेश सिद्धार्थ ने डीएम व एसएसपी के साथ ही उनके बच्चों पर भी अमर्यादित टिप्पणी की। पुलिस ने मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया है। पिछले माह 30 दिसंबर को नगर निगम बोर्ड बैठक के दौरान सपा पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला व बसपा पार्षद आशीष चौधरी संग मारपीट के मामले में पुलिस ने अज्ञात पर केस दर्ज किया था। सपा समेत विरोधी दल ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर व एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज पर केस दर्ज करने की मांग पर अड़े हैं। शनिवार को विभिन्न संगठनों संग सपा नेता कलक्ट्रेट का घेराव कर रहे थे।

इस बीच सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ ने संबोधन के दौरान धमकी भरे विवादित बयान दिए। उन्होंने डीएम व एसएसपी को बहरा कहा और उनके बच्चों के भी बहरा हो जाने की कामना की। आगे कहा कि 10 जनवरी को महापंचायत से पहले कोई कार्रवाई न हुई तो ऊर्जा राज्यमंत्री को जिंदा जला देंगे। उनका वाहन और घर तो जलाएंगे ही शहर को भी फूंक देंगे। वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने से राजनीति गलियारों में हलचल मच गई। उधर, सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी व पार्षद कीर्ति घोपला ने वीडियो जारी कर खुद को मुकेश सिद्धार्थ की टिप्पणी से अलग कर लिया है। 

इंस्पेक्टर महेश राठौर की ओर से थाना सिविल लाइंस पर मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ आइपीसी की धारा 143 ( गैर कानूनी जनसमूह का हिस्सा होना ), 153 ( धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव के प्रतिकूल कार्य करना ), 153 ए ( धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास करना ), 115 ( किसी ऐसे अपराध के लिए उकसाना, जिससे किसी की जान जा सकती है), 353 ( किसी लोक सेवक या पब्लिक सर्वेंट को उसकी ड्यूटी करने से रोकने के उद्देश्य से उस पर आपराधिक बल का प्रयोग करना व इसी उद्देश्य से उस पर हमला करना )

505-2 ( ऐसी सामग्री के प्रकाशन तथा प्रसार को करना जिससे विभिन्न समूहों के बीच द्वेष या घृणा उत्पन्न हो ) , 506 ( गुमनाम संचार से आपराधिक धमकी देना), 186 ( लोक सेवक के लोक कर्तव्य या कार्य में जानबूझकर कर किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करना ) व 7 क्रिमिनल एक्ट (अपराध के लिए उकसाना ) में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने मुकेश सिद्धार्थ की तलाश शुरू कर दी है।