हक की बात’’ के तहत जिलाधिकारी ने सुनी महिलाओं की समस्याएं

हक की बात’’ के तहत जिलाधिकारी ने सुनी महिलाओं की समस्याएं

 

रायबरेली । बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मिशन शक्ति फेज-4.0 के अंतर्गत ‘हक की बात जिलाधिकारी के साथ’ की बैठक कलेक्ट्रेट स्थित बचत भवन में हुई। कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने दीप जलाकर और मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया। बैठक में महिलाओं और बच्चियों ने अपनी अपनीसमस्याए जिलाधिकारी के सामने रखी। कुछ महिलाओं एवं बच्चियों ने अपने जीवन के कटु अनुभवों को बैठक में साझा किया। जिसे सुनकर बैठक में उपस्थित सभी लोग भावुक हो गए।जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि महिलाओं और बच्चियों से संबंधित हिंसा को गंभीरता से लिया जाए और इस प्रकार के मामलों में त्वरित कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने उपस्थित महिलाओं को बताया कि आप लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे और किसी भी प्रकार की हिंसा को सहन न करे। पुलिस विभाग महिलाओं की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। सरकार ने महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए अनेक योजनाएं शुरू कर रखी है। जिलाधिकारी ने महिलाओं को जागरुक करते हुए कहा कि महिलाओं की सबसे बड़ी शक्ति महिलाएं स्वयं है। अपने अंदर आत्मविश्वास बनाए रखें और समस्याओं का डटकर सामना करें। किसी से भी डरने की आवश्यकता नहीं है। भारतीय संविधान सभी को बराबरी का अधिकार देता है। महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर समान अधिकार प्राप्त है।महिलाओं और बच्चियों के लिए कार्य कर रही निजी संस्था ‘सबला‘ ने बताया कि महिलाओं के साथ होने वाले आपराधिक मामलों में ज्यादातर  घरेलू हिंसा से संबंधित होते है। जिलाधिकारी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं अपने साथ होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा को स्वीकार न करे। सरकार और प्रशासन आप लोगो की हर स्तर से सहायता करेगा। मिशन शक्ति का उद्देश्य ही है, महिलाओं का सशक्तिकरण करना।