रूस -यूक्रेन युद्ध के दौरान स्वदेश लौटे मेडिकल छात्रों के लिए रालोद सुप्रीम ने की मजबूत पैरवी, मंत्री को लिखा पत्र
संसद में भी पूछा जा सकता है छात्र हित में सवाल : राजेन्द्र शर्मा
ब्यूरो डा योगेश कौशिक
बागपत | रूस -यूक्रेन युद्ध के दौरान पढाई अधूरी छोडकर स्वदेश लौटे छात्रों के लिए रालोद ने की पैरवी | राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ जयंत सिंह ने भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया को लिखा पत्र |डाक्टरी की पढ़ाई अधूरी रहने वाले छात्रों के हित में निर्णय लेने की केंद्र सरकार से की मांग |
उल्लेखनीय है कि, 18 नवंबर 2021 में फारेन मेडिकल ग्रेजुएशन लाइसेंसिंग गजट पारित किया गया था, जिसके तहत किसी विदेशी संस्थान में प्रवेश लेने के बाद छात्र को अपनी पढाई उसी संस्थान से पूरी करना अनिवार्य कर दिया गया था | इस गजट के बाद ट्रांसफर का कोई प्रावधान भी खत्म हो गया था |
रालोद सुप्रीम व राज्यसभा सदस्य चौ जयंत सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में देश के ऐसे हजारों छात्रों की पैरवी करते हुए कहा कि, 24 फरवरी 2021 में रूस -यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण पढाई बीच में छोडकर आए हजारों छात्रों की न तो पढाई पूरी हो पा रही है और न ही ट्रांसफर की कोई सुविधा है | ऐसे में छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पढाई पूरी कराने की जिम्मेदारी सरकार की है |
युद्ध के दौरान पढाई बीच में छोडकर आए जनपद के ऐसे कई मेडिकल छात्रों को रालोद सुप्रीम चौ जयंत सिंह की मजबूत पैरवी से उम्मीद बंधी है कि, केंद्र सरकार उनके हित में अपने 18 नवंबर 2021 के गजट में संशोधन कर उनकी पढाई का रास्ता साफ करेगी |
इसबीच रालोद के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि, छात्रों के व्यापक हित में संसद अधिवेशन के दौरान इस विषय में सरकार से उत्तर भी मांगा जाएगा |